हाईकोर्ट ने दिए जांच अधिकारी और एसएचओ के खिलाफ जांच के आदेश-Bikaner News 

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बीकानेर रेंज पुलिस ने गलत जांच कर नेत्रहीन को रखा दो माह से जेल में
राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। बीकानेर पुलिस द्वारा एक नेत्रहीन को दो महीने तक गलत जांच कर जेल में रखने की खबर सामने आयी है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने नेत्रहीन को रिहा करने और पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए है। मामला चुरू से जुड़ा है। जहां पर पुलिस ने एक मारपीट के मामले में गलत जांच करते हुए एक नेत्रहीन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिसके बाद दो माह से अधिक समय तक नेत्रहीन को जेल में रहना पड़ा।

 

हाईकोर्ट ने नेत्रहीन को रिहा कर मामले की जांच करने वाले अनुसंधान अधिकारी और पुलिस थाने के एसएचओ के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के लिए कहा है। इसके अलावा सरकार की ओर से नेत्रहीन को 2 लाख रुपए का हर्जाना देने के भी आदेश दिए गए हैं।

 

बीकानेर रेंज के चूरू जिले में तारानगर पुलिस थाने में 14 मार्च, 25 को हरिसिंह की ओर से भतीजे विनोद के साथ मारपीट का मुकदमा दर्ज करवाया गया था। पुलिस ने इस मामले में सिद्धमुख निवासी नेत्रहीन अमीचंद को 25 अप्रैल को गिरफ्तार किया और 27 अप्रैल को उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। तब से वह जेल में ही है। इस दौरान अमीचंद के भाई संदीप ने पुलिस की जांच को गलत बताते हुए परिवाद दिया। ट्रेनी आईपीएस निश्चय प्रसाद ने परिवाद की जांच की तो पाया कि अमीचंद के खिलाफ आरोप प्रमाणित नहीं होता।

 

उसकी रिहाई के लिए तारानगर कोर्ट में अर्जी दी, लेकिन कोर्ट ने खारिज कर दी। कोर्ट का कहना था कि मामले में दुबारा जांच के लिए अनुमति ही नहीं ली गई। इस पर बीकानेर निवासी वकील कौशल गौतम ने 19 जून को जोधपुर हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका पेश की। कोर्ट ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद नेत्रहीन अमीचंद को जेल से रिहा करने और तारानगर थाने के एसएचओ व अनुसंधान अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश चूरू एसपी को दिए हैं। इसके अलावा सरकार को दो लाख रुपए हर्जाने के रूप से भुगतने होंगे। यह राशि दो माह से ज्यादा बेवजह जेल में रहने वाले नेत्रहीन अमीचंद को दी जाएगी। पुलिस की लापरवाहीपूर्ण जांच का यह मामला चर्चा में है।

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