चैक अनादरण से जुड़ा मामला,6 माह के कारावास और 3 लाख 60 हजार देने का आदेश

परिवादी की और से अधिवक्ता गोपाल लाल हर्ष ने की पैरवी
राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। चैक अनादरण के मामले में न्यायालय ने आरोपी को दोषी मानते हुए सजा का आदेश दिया है। इस सम्बंध में विशिष्ट न्यायिक मजिस्टे्रट एनआई एक्ट के पीठासीन अधिकारी आशीष जसपाल ने फैसला दिया है। न्यायधीश ने बड़ी गुवाड़ कोटगेट के रहने वाले रूपचंद पुत्र मूलचंद सरपटा को चैक अनादरण का दोषी मानते हुए 6 माह का साधारण कारावास और 3 लाख 60 हजार रूपए प्रतिकर अधिरोपित किए है।

 

यह है मामला- परिवादी रामकुमार व रूपचदं आपस में जान पहचान के है। जिसके चलते रूपचंद के जरूरत पडऩे पर उसने रामकुमार से वर्ष 2020 में 3 लाख रूपए उधार लिए। जिसके एवज में रूपचंद ने परिवादी को 28 दिसंबर 2020 को तीन लाख का चैक दिया। जब परिवादी ने बैंक में चैक लगाया तो अपर्याप्त निधि के नोट के साथ चैक को अनादरित कर दिया गया। जिस पर परिवादी ने अपने अधिवक्ता गोपाललाल हर्ष के मार्फत वर्ष 2021 की जनवरी में नोटिस भेजा लेकिन रूपचंद ने कोई भुगतान नहीं किया। जिस पर परिवादी ने न्यायालय की शरण ली और अधिवक्ता गोपाल लाल और निमिषा शर्मा के मार्फत परिवाद दिया। जिस पर न्यायालय ने दोनो पक्षों के साक्ष्य,दस्तावेजों का अवलोकन कर निस्तारण करते हुए रूपचंद को सजा का फैसला सुनाया है।

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