राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। होली के रंगोत्सव से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन होलिका की आग में अपनी बुराइयों को जलाकर नए कल की शुरुआत की जाती है। हालांकि, होलिका दहन के लिए सही मुहूर्त का देखा जाना भी बेहद आवश्यक होता है। होलिका दहन के समय भद्राकाल का होना अशुभ होता है, साल 2025 में भी होलिका दहन के दिन भद्राकाल रहेगा। ऐसे में आइए जान लेते हैं कि आपको होलिका दहन किस समय करना चाहिए, और साथ ही इस दिन क्या काम करने से आपको लाभ होगा और किन कार्यों को करने से आपको बचना चाहिए।
फाल्गुन की पूर्णिमा तिथि पर 13 मार्च को होलिका दहन होगा। पंडितों के अनुसार होलिका दहन का मुहूर्त रात को 11 बजकर 28 मिनट से 12 बजकर 8 मिनट तक रहेगा। 14 तारीख को लोग रंगोत्सव मनाएंगे। शहर में विभिन्न स्थानों पर होलिका दहन होगा। जिसके लिए सवेरे से ही महिलाएं होलिका की पूजन कर सुख समृद्धि की कामना करेंगी। वहीं, होली पर्व पर भाईयों की लंबी उम्र व सलामती के लिए होने वाली रस्म माला घोळाई इस बार 13 मार्च को सुबह 10:36 तक चतुर्दशी तिथि रहेगी। जिसके चलते दोपहर एक बजे के बाद माला घोळाई श्रेष्ठ है।
होलिका दहन के दिन क्या करें
भद्रा काल के दौरान आप कुल देवी या देवता की पूजा कर सकते हैं।
इस दौरान मंत्रों का जप करना भी बेहद शुभ माना जाता है।
भगवान विष्णु की पूजा करना और उनके मंत्रों का जप करने से आपको शुभ फल प्राप्त होते हैं।
इस दौरान आपको बहन, मौसी को उपहार दे सकते हैं।
Leave a Comment