bageshwar dham sarkar बीकानेर में बाबा बागेश्वर सरकार
राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। कल मंगलवार को बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री बीकानेर आए। जिसके बाद नोखा में संत दुलाराम कुलरिया परिवार के कार्यक्रम में शामिल हुए और धर्मसभा में प्रवचन दिए। इस दौरान बड़ी संख्या में आमजन भी प्रवचन सुनने पहुंचे।
नेाखा के सिलवां में हुए भव्य कार्यक्रम में देशभर से कई संत महात्मा,पीधीश्वर पहुंचे।
जिनमें हनुमानगढ़ी के राजुदास जी महाराज,क्षमाराम जी महाराज सहित अनेक संत मौजूद रहें।
बाबा बागेश्वर सरकार रात करीब बारह बजे तक प्रवचन देते रहे और भक्त मंत्रमुग्ध होकर उन्हें सुनते रहें। इस दौरान बाबा ने अपने अंदाज में कई बार चटखारे लगाए तो कई बार तंज भी कसे।
देवी माँ के जयकारें और बीकानेर की मिठाई
बाबा बागेश्वर सरकार ने सर्वप्रथम देवी माँ करणी के जयकारें लगाए और मंच पर विराजमान क्षमाराज जी महाराज की जय की। जिसके बाद बाबा ने बीकानेर की प्रसिद्ध मिठाई का भी जिक्र किया। इस दौरान बाबा ने सालासर बाबा,मेहंदीपुर बाबा,खाटूश्याम जी के जयकारें लगाए।
अनोखे अंदाज में लगाए चटखारे
अपने अनोखो अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले बाबा ने नोखा को लेकर भी चटखारे सुनाई। बाबा ने कहा कि मरूस्थल की यह भूमि अब संतो का केन्द्र बन रही है। वहीं भ्रम को लेकर बैलगाड़ी-कुते की एक कहानी सुनाई। दूसरी कहानी में बाबा ने दो भाईयों के विवाद को लेकर भी नोखा का नाम जोड़ते हुए कहानी सुनाई।
मतीरे में उलझे बाबा तो लगे ठहाके
बाबा अपने प्रवचन के दौरान एक कहानी सुना रहे थे। जिसमें मतीरे का जिक्र आया तो बाबा ने इधर उधर बैठे भक्तों से नाम पुछा। इस दौरान भक्तों ने पहले कोड़ा कहा तेा बाबा बोले की मारने वाला। जिसके बाद एक भक्त ने बाबा को कहा कि मतीरा, जिस पर बाबा उलझ गए। कई बार अलग-अलग उच्चारण किया और जब अंत में नाम ठीक से नहीं आया तो तरबूज बोला फिर कहा कि मतीरे को किनारे को। इस दौरान मतीरे के अलग-अलग उच्चारण पर जमकर ठहाके लगे।
कुलरिया परिवार के तीनों भाईयों का किया साधुवाद
इस दौरान बाबा बागेश्वर धाम सरकार ने संत दुलाराम कुलरिया के बेटे भंवर कुलरिया,नरसी कुलरिया और पुनम कुलरिया का साधुवाद दिया। इस दौरान बाबा ने हंसी मजाक करते हुए कहा कि तीनों भाईयों को अलग-अलग जिम्मेवारी हे। बाबा ने नाम में ऊपर नीचे होने पर कहा कि नाम ऊपर नीचे हो तो हस्ताक्षर करते समय ठीक कर लेना।
बाबा ने इस दौरान कहा कि कभी पुनम जी महात्मा को ले आते है कभी शंकराचार्य जी को नरसी जी ले आते है और भंवर जी राजस्थान के महात्मा को ले आते है। बाबा ने इस दौरान कहा कि पेैसे तो बहुत से लोगों के पास होंगे लेकिन लगाने का जिगरा भी होना चाहिए।
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