हनुमान सेना के बाद सीएम भजनलाल के समर्थन में चलाया हैशटेग,अब ट्रैंड में राजस्थान का लाल भजनलाल-social media treand

social media treand सोशल मीडिया पर वार-पलटवार जारी
राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। प्रदेश की सियासत मेें इन दिनों सोशल मीडिया वार-पलटवार का खेल जारी है। पहले हनुमान बेनीवाल के समर्थकों ने हैशटैग चलाया। जिस पर कुछ ही घंटो में लाखों पोस्ट के जरिये सीएम भजनलाल पर कटाक्ष किए गए। जिसके बाद भाजपा की तरफ से भी जवाब देने के लिए एक हैशटेग चलाया गया।

जिस पर कुछ ही घंटे में लाखों पोस्ट किए जा चुके है हालांकि भाजपा के कार्यकर्ता हनुमान सेना से पिछड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसी खबरें भी निकलकर आ रही है कि भाजपा की तरफ से विधायक और मंत्रियों तक से इस सम्बंध में पोस्ट करने के लिए कहा जा रहा है।

भजनलाल हटाओ राजस्थान बचाओ
कल शुक्रवार शाम को हनुमान बेनीवाल के कार्यकर्ताओं ने भजनलाल हटाओ राजस्थान बचाओ हैशटेग शुरू किया। कुछ ही घंटे में ये हैशटेग देशभर में ट्रैंड करने लगा। खबर लिखे जाने तक इस हैशटेग पर साढ़े पांच लाख से अधिक पोस्ट किए जा चुके हैं। लगातार बेनीवाल के समर्थक और आरएलपी के कार्यकर्ता इस हैशटेग के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर रहे हैं। लगातार यूजर हनुमान बेनीवाल के खिलाफ की गई कार्रवाई की विरोध करते हुए लिख रहे हैं कि इस बार प्रदेश के मुखिया ने गलत आदमी से पंगा ले लिया है। यूजर लिख रहे हैं कि इस बार सीएम की विदाई तय हैं। ऐसे लाखों पोस्ट किया जा चुके हैं। वहीं बीते कुछ घंटे से एक और हेशटेग चलाया जा रहा है उस पर बड़ी संख्या में यूजर पोस्ट कर रहे है। सोशल मीडिया पर पर्ची ले डूबी राजस्थान हैशटेग पर भी डेढ़ लाख से अधिक पोस्ट किए जा चुके हैं।

राजस्थान का लाल भजनलाल
बेनीवाल समर्थको के सोशल मीडिया पर ट्रैंड को काउंटर करने के लिए एक हैशटेग ट्रैंड कर रहा है। जिस पर भी बड़ी संख्या में भाजपा के समर्थक और कार्यकर्ता लगातार पोस्ट कर रहे है। भजनलाल हटाओ हैशटेग को काउंटर करने के लिए सीएम के समर्थन में राजस्थान का लाल भजनलाल नाम से एक हैशटेग ट्रैंड कर रहा है। जिस पर खबर लिखे जाने तक करीब ढ़ाई लाख पोस्ट किए जा चुके हैं। जिसमें सीएम भजनलाल के कामों,विकास के कार्य और राजस्थान के विकासशील को दिखाया जा रहा है।

दरअसल बीते दिनों आरएलपी प्रमुख और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के बिजली के बकाया बिल को लेकर कनेक्शन काट दिया गया था। जिसके बाद बेनीवाल के समर्थक आक्रोशित हो गए लेकिन इसके बाद 24 घंटे के भीतर ही बेनीवाल को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस दे दिय गया। जिससे ये चिंगारी आग में बदल गई और कार्यकर्ता भड़क गए और प्रदेश सरकार के मुखिया के खिलाफ सोशल मीडिया पर जमकर सवाल उठाए है।

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