बीकानेर की महत्ता बताई है इस गीत में
राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। बीकानेर आज अपना 538वां स्थापना दिवस मना रहा है। आज ही के दिन यानि आखाबीज को बीकानेर की स्थापना हुई। जिसके बाद से ही हर वर्ष शहर के नागरिक पतंगबाजी कर स्थापना दिवस का उत्सव मनाते रहें है। डिजीटल होते जमाने में भी शहर अपनी विरासत हो संजोए हुए है। बीकानेर में पतंगाबाजी का अपना ही जूनून है। भरी गर्मी में भी शहर की छतों पर तंबू,डीजे और आमली,खिचड़े के साथ शहर अपना स्थापना दिवस मना रहे हैं। इसी बीच डीजे पर बजते शहर की विरासत से जुड़े गीत इसमें चार चांद लगा रहे है। हरीश बी. क्रिएशन का गीत बीते करीब सात सालों से स्थापना दिवस पर हर छत पर बजता हुआ नजर आता है।
बालीवुड़ के सांग की तरह ही यह गीत लगातार कई वर्षो से सदाबाहर गीत बना हुआ है। जिसमें वरिष्ठ साहित्यकार और लॉयन एक्सप्रेस के संपादक हरीश बी. शर्मा ने आवाज दी है। गीत के बोल डोर बांध किन्ने ने मुल्क घुमाओं रे है। गीत बोल के अनुसार बीते सात वर्षो से शहर की छतों पर घूम रहा है और अपनत्व का रंग घोल रहा है। इस गीत में सिंगर-लीरिक्स हरीश बी. शर्मा,म्यूजिक जय किशन भादाणी,डीओपी विशाल बोहरा,एडिट यशु दास भादाधी,कोरियोग्राफ के रूप में विकास शर्मा,आर्ट डॉयरेक्टर रंजन हर्ष,डॉयरेक्टर रामसहाय हर्ष है।
गीत जो हो गया सदाबहार
स्थापना दिवस पर वरिष्ठ साहित्यकार और लॉयन एक्सपे्रस के संपादक हरीश बी. शर्मा द्वारा गाया गया यह गीत बीकानेर की विरासत,सांस्कृति और स्थापना दिवस की विशेषता से जुड़ा है। जिसमें बताया गया है कि खिचड़ा बनकर तैयार है और ऊपर घी की धार के साथ घर की महिलाएं लाती है तो मुंह में लार आ जाती है। इसके साथ नगर बीकाणे की स्थापना की विशेषता के साथ डोर बांध किन्ने को मुल्क घूमाओ।
बीका थारों बीकाणों अपनायत रो गांव अर्थात इस शहर में सभी लोग एक-दूसरे के साथ गपशप से लेकर त्यौंहार,समारोह और यहां तक की हर छोटे-बड़े काम में उनके घर की तरह साथ देते हैं,यहां मनमौजी और मस्ती में मस्त रहने वाले लोग है।
गीत में देवी माँ करणी,बाबा भैरूनाथ,गेमनापीर और बीकाजी का वर्णन किया गया है साथ ही शहर की रंगत के दृश्य भी इसमें शामिल किया गया है। जिसके चलते हर वर्ष यह शहरवासियों के जुबान पर स्थापना दिवस चढ़ जाता है।
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