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सजीव झांकी के साथ कृष्ण-सुदामा मित्रता प्रसंग सुनाया, गौसेवा की दी सीख





राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। अंधी, अपंग व बीमार गौमाताओं के निमित्त माखनभोग में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का समापन मंगलवार को पूर्णाहुति हवन एवं शोभायात्रा के साथ किया गया। सातवें दिवस की कथा का वाचन करते हुए श्रीसुखदेवजी महाराज ने श्रीकृष्ण के 16 हजार 108 विवाहों, सुदामा-श्रीकृष्ण आदि प्रसंगों को सुनाया। श्रीकृष्ण-सुदामा मित्रता का वर्णन सजीव झांकी के साथ किया गया। सुखदेवजी महाराज ने कहा कि जब तक मनुष्य को आत्मा का ज्ञान नहीं होता तब तक न तो वह भगवान को समझ सकता है और न ही स्वयं को जान पाता है।

 

साक्षात् सत्संग का प्रयास करें, निश्चित रूप से जीवन में सुख और आनन्द की अनुभूति होगी। अहंकार ही हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है। सदैव ध्यान रखें कि जब उठें तो यह कहें कि आज के दिन जो करेंगे वो आपको समर्पित है और रात को सोते समय यह कहें कि आज दिन में जो कुछ भी किया है वो आपके चरणों में समर्पित है तभी अहंकार खत्म होगा। आयोजन से जुड़े घनश्याम रामावत ने बताया कि पौथी पूजन यजमान अरुण सैन कोलायत द्वारा किया गया। आरती में विधायक जेठानन्द व्यास, मोहनलाल आचार्य, बीएल मोहता, जुगल राठी, नन्दकिशोर बजाज, नवरत्न आसोपा, द्वारकाप्रसाद राठी, श्रीगोपाल राठी एवं सुशील राठी शामिल रहे। राजेन्द्रदासजी महाराज के शिष्य तबला वादक पवन रामावत एवं पं. राधेश्याम शास्त्री का अभिनंदन किया गया।

अनुदान समय पर दिलाने का किया अनुरोध
गडिय़ाला फांटा स्थित नंदनवन गौशाला के संचालक सुखदेवजी महाराज ने कथा के दौरान उपस्थित विधायक जेठानन्द व्यास का अभिनन्दन किया तथा गौशालाओं को समय पर अनुदान मिले इसके लिए अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार गौशालाओं के प्रति सजग है, लेकिन अनुदान समय पर नहीं मिल रहा है, जिससे गौशालाओं की स्थिति खराब होने लग जाती है। विधायक जेठानन्द ने इस संबंध में प्रयास करने की बात कही।

गौमाता की सेवा कर कमाएं पुण्यलाभ
गौसेवक घनश्याम रामावत ने बताया कि गडिय़ाला फांटा स्थित नंदनवन गौशाला में हजारों अंधी, अपंग व बीमार गौमाताओं का इलाज व देखरेख की जाती है। सुखदेवजी महाराज के सान्निध्य में गौशाला का संचालन किया जाता है। रामावत ने बताया कि सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दौरान एकत्र हुई किसी भी प्रकार की राशि का उपयोग गौशाला में किया जाता है। भीषण गर्मी की दस्तक के साथ ही फिलहाल छपरों व चारे-तूड़ी की विशेष व्यवस्था की जा रही है। गौसेवा के इस पुण्यकार्य में सहयोग करके गौमाता का आशीर्वाद प्राप्त करें। इस संबंध में 9610530000, 8740000170 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

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