भक्त बाबे की और,कोई ध्वजा के साथ तो कोई तैयार है सेवा में

नेशनल हाईवे पर आस्था का सैलाब
राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। बीकानेर से 24 किलोमीटर दूर स्थित ईष्टदेव कोडमदेसर भैरव मंदिर एक ऐसा स्थान है जहाँ लोग मन्नतें पूरी होने पर या विशेष दिनों, जैसे अष्टमी, चतुर्दशी, और अमावस्या पर दूर-दूर से पैदल चलकर आते हैं। यह मंदिर महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर की तरह ही एक मुक्त आकाश के नीचे है और इसकी स्थापना बीकानेर की स्थापना से भी पहले की मानी जाती है। प्रतिवर्ष भादवे महीने मे लगने वाला यह मेला इस वर्ष 5 और 6 सितंबर को भव्य रूप से मेला भरने जा रहा है।

 

शताब्दियों से चली आ रही इस परंपरा में बारस, तेरस और चौदस की तिथियों पर आस्था की गंगा उमड़ती है और हजारों की संख्या में पदयात्री तथा श्रद्धालु बाबा भैरवनाथ के दरबार में अपनी मनोकामनाएँ लेकर पहुंचते हैं। बीकानेर शहर से ही नहीं, अपितु चहू ओर से बड़ी संख्या में लोग इस मेले में आते हैं। भक्तजन बीकानेर से पैदल यात्र कर कठिन पदयात्रा पूरी कर भक्ति-भाव से बाबा के दरबार में हाजिरी लगाते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

 

पुजारी परिवार के अनुसार इस अवसर पर मंदिर को विशेष श्रृंगार और सजावट से सुसज्जित किया जाता है। प्रात:कालीन आरती के समय भव्य श्रृंगार, दीप-प्रज्वलन और शंख-घंटी की ध्वनि से सम्पूर्ण परिसर गूंज उठता है। श्रद्धालुओं का स्वागत सिंदूर तिलक लगाकर किया जाता है और प्रसाद वितरण का क्रम निरंतर चलता रहता है। दर्शन के लिए बांस बलियों से लाइनबद्ध व्यवस्था की जाती है जिससे हजारों श्रद्धालु सहज रूप से बाबा के दर्शन कर सकें।

 

मेले शुरू होने से पूर्व पदयात्रियों के सेवार्थ समाजसेवी और भामाशाहों द्वारा जगह-जगह सेवा शिविर लगाए जाते हैं जिनमें पानी, दूध, चाय, बिस्किट, बूंदी-नमकीन और रात्रिभोज तक की नि:शुल्क व्यवस्था होती है। चिकित्सा शिविर और प्राथमिक उपचार की सुविधाएँ भी मौजूद रहती हैं। मेल परिसर के आसपास श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए धर्मशालाओं के साथ-साथ अस्थाई शिविर भी लगाए जाते हैं।

 

पुलिस प्रशासन ने भी इस बार विशेष तैयारियाँ की हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु मंदिर परिसर से बाहर बस व बड़े वाहनों के लिए अलग से पार्किंग की व्यवस्था की गई है। मेले में भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष पुलिस बल तैनात रहेगा। गांव में प्रवेश करने वाले सभी भारी वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा और मंदिर से 500 मीटर के दायरे तक दोपहिया व चारपहिया वाहनों की एंट्री पूरी तरह बंद कर दी गई है, केवल पदयात्रियों को प्रवेश मिलेगा। राजमार्गों पर पुलिसकर्मी पदयात्रियों की सहायता और मार्गदर्शन के लिए मौजूद रहेंगे।

 

इसी कड़ी में आज से पैदल यात्री बाबा भैरूनाथ के रवाना होने शुरू हो गए है। लगातार नेशनल हाईवे पर पैदल यात्रियों के जत्थे देखे जा रहे है। कोई हाथ में ध्वजा लेकर जा रहा है तो कोई रास्ते में सेवा के साथ सेवादार के रूप में हाजिर है। इसी कड़ी में बीकानेर इंद्रा कॉलोनी गणेश चौक बाबा रामदेव जी मंदिर से अमन गुजराती , नितिन लदड़ , रमेश सियोता,नरेश सियोता, रविन्द्र जावा, आकाश सियोता , रजत जावा, रितिक जावा, हिमांशु चांवरिया, मोहित अटवाल, 21फुट ध्वजा लेकर कोडमदेसर बाबा भेरुनाथ जी पैदल रवाना हुए।

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