Bikaner News राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। दिखावे के चक्कर में हाल के वर्षो में युवा लगातार गलत राह पर जा रहे है। जिसके चलते अपने अमूल्य जीवन को बर्बादी की और धकेल रहे है। फिर चाहे वो क्रिकेट मैच में सट्टा हो या फिर पासों के माध्यम से खेले जाने वाला जुआ,जिसे स्थानीय भाषा में घोड़ी भी कहते हैं।
ऐसी बुरी लत रातोंरात पैसे के लिए युवाओं में डाली जा रही है। जिसके चलते कई युवा कर्ज के बोझ तले दबे जा रहे है। इसी कर्ज के कारण हाल के वर्षो में कई युवा अपना जीवन तक खत्म कर चुके हैं।
बीकानेर शहर में लगातार ये खेल जारी है। प्रशासन हो या फिर चुनावों से पहले बड़े-बड़े वादे करने वाले नेता कोई भी इस पर सख्त कार्रवाई के मूड में नजर नहीं आता है। केवल मात्र खानापूर्ति की जाती है।
बीकानेर शहर में ये जुआ 12 महीने चल रहा है। जहां पर देर शाम से अलसुबह तक पासों पर जुआ खेला और खिलाया जा रहा है। घरों में खेलने के लिए पुरी माकूल व्यवस्था तक की जा रही है। जिसके एवज में प्रत्येक घंटे में कुछ पैसे जुआ खिलाने वाले को (छर्रें के नाम पर) दिया जाता है। जहां पर वाहनों,सोने के आभूषणों पर भी हाथों हाथ पैसे फाइनेंस किए जाते है।
ये लत दिनोंदिन युवाओं में बढ़ रही है। जिसके चलते कई परिवार इसकी भेंट चढ़ चुके है। पुलिस भी इसको लेकर सख्त नजर नही आती है। कई इलाके तो ऐसे है जहां पर जुआ खिलाने वालें और समय,लोकेशन सभी जानकारी होने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती है। जुए के बड़े किंग कहे जाने वाले लोग इसे अपना व्यापार बना चुके है और अंदरखाने सब कुछ सेट है कि बातें भी नए जुआरियों को कह दी जाती है ताकि नए युवा बिना किसी डर भय के इस बुरी लत के प्रति आकर्षित होते रहें। ऐसे में जरूरत है कि जिम्मेवार जनप्रतिनिधि और अधिकारी इस पर अंकुश लगाएं ताकि बर्बाद होती युवा पीढ़ी के जीवन को संवारा जा सके।