नशा लत न होकर बन रहा है रोग,जीवन के लिए योग अतिआवश्यक

राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। राजकीय डूँगर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के विशेष सात दिवसीय शिविर के छठे दिन स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए डॉ. रमेश पुरी ने कहा कि अहम भाव से निवृत्ति ही हमें सच्चा कार्यकर्त्ता या स्वयंसेवक बनाता है। स्वयंसेवक की वास्तविक भक्ति राष्ट्र के प्रति ही होती है । अगले सत्र में डॉ. ललित वर्मा ने बताया कि कौशल ही मनुष्य को रोजगारोन्मुख बनाता है। डॉ. विपुल तिवारी ने स्वयंसेवकों को आई स्टार्ट कार्यक्रम के बारे में जानकारी प्रदान की।

योग प्रशिक्षक एवं सहायक आचार्य डॉ. सुदर्शना विश्नोई ने वर्तमान समय में जीवन एवं स्वास्थ्य की गुणवत्ता के लिए योग की क्रियाएं अनिवार्य बताई। उन्होंने स्वयंसेवकों को अनेक योगासन जैसे कपाल-भाति, प्राणायाम, अनुलोम – विलोम एवं अनेक आसन करवाए गए । राजकीय आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा एवं एकीकृत महाविद्यालय बीकानेर द्वारा भारत सरकार के प्रकृति परीक्षण अभियान की विस्तृत जानकारी दी गई। तत्पश्चात डॉ. हरमीत सिंह ने स्वयंसेवकों को नशे को लत न मानकर रोग बताया तथा उन्होंने नशे से दूर रहने व विभिन्न प्रकार के ड्रग्स के दुष्प्रभावों की जानकारी प्रदान की।

 

इस अवसर पर डॉ. शशिकांत आचार्य, डॉ. राजेन्द्र सुथार एवं अनेक संकाय सदस्य उपस्थित रहे। डॉ.निर्मल कुमार रांकावत एवं डॉ. संपत लाल भादू के नेतृत्त्व में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों द्वारा उदासर ग्राम का सर्वेक्षण किया गया । शिविर में राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक केसरमल, राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राजेन्द्र सिंह उपस्थित रहे।

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