-ढींगसरी की बेटियों को मिल रही चार खेल मैदान व गर्ल्स हॉस्टल की सौगात, 23 नवम्बर को होगा उद्घाटन
-बेटियों का जज्बा, कोच का मार्गदर्शन और भामाशाहों के प्रयास से मिल रही सफलता : महावीर रांका
राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। ढींगसरी गांव में खेल मैदान व हॉस्टल का उद्घाटन 23 नवम्बर 2025 को होने जा रहा है। उक्त जानकारी देते हुए पूर्व यूआईटी चैयरमेन महावीर रांका ने बताया कि ढींगसरी गांव की बेटियों के जज्बे, कोच विक्रम सिंह की कड़ी मेहनत और मार्गदर्शन व भामाशाहों के सराहनीय सहयोग से खेल मैदान, हॉस्टल व अन्य कई सुविधाएं मुहैया होने जा रही है। 23 नवम्बर 2025, रविवार को पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत एवं पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी द्वारा खेल मैदान व हॉस्टल का उद्घाटन किया जाएगा। महावीर रांका ने बताया कि बीकानेर से लगभग 72 किमी दूर नोखा के ढींगसरी गांव राष्ट्रीय स्तर पर तो अपनी पहचान बना चुका है और बहुत जल्द ही विश्वस्तर पर फुटबॉल के क्षेत्र में नया इतिहास लिखेगा।


चंद्रवीर सिंह राजवी ने बताया कि लगभग एक वर्ष पहले में जब ढींगसरी की बेटियों ने कोच विक्रम सिंह राजवी के मार्गदर्शन में नेशनल टूर्नामेंट में परचम फहराया तो उम्मीदें जगी। अगस्त 2024 में ढींगसरी की बेटियों के नेशनल जीतने के बाद पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी एवं उनके सहयोगियों द्वारा 17 लाख 83 हजार रुपए का सहयोग करके मैदान के काया पलट की शुरुआत की गई। ग्रामीणों ने भी अपनी बेटियों के लिए मेहनत की तथा नोखा निवासी भुवनेश्वर प्रवासी उत्कल बिल्डर्स के चैयरपर्सन सुभाष भूरा के आने से चार चांद लग गए और उन्होंने एक गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण स्वयं के द्वारा करवाया तथा उनके सहयोगियों द्वारा खेल उपकरण जूते टी-शर्ट व अन्य जरूरत का सामान उपलब्ध हो रहा है।
इसी के साथ रामलाल सूरजदेवी रांका चैरिटेबल ट्रस्ट के महावीर रांका, बीकाजी ग्रुप के दीपक अग्रवाल सहित अनेक भामाशाह आगे आए और तीन घास वह एक बालूरेत मैदान, गल्र्स हॉस्टल, इक्विपमेंट, ड्रेसेज, डाइट सहित बेहतरीन सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। लगभग एक वर्ष में उबड़-खाबड़ टीबों वाले मैदान को हरी घास सहित चार खेल मैदान बालिकाओं को सौगात के रूप में मिले हैं। आगामी 23 नवम्बर को गर्ल्स हॉस्टल का शुभारम्भ हो जाएगा तो ढींगसरी सहित आसपास की बालिकाओं को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा।
मिनी ब्राजील बनेगा ढींगसरी
कोच विक्रम सिंह राजवी ने बताया कि उनका सपना साकार हो रहा है और गांव की बालिकाएं खेल के क्षेत्र में गौरव बढ़ा रही हैं। उन्होंने बताया कि गांव की मुन्नी भांभू अंडर 17 फुटबॉल टीम की सदस्य है और सीनियर वूमेन टीम के लिए भी उसको कॉल किया गया है। यहां लड़कों से ज्यादा लड़कियां फुटबॉल खेलती हैं। कई वर्षों की मेहनत के बाद बदलाव इतना आया है कि अब खुद परिवार वाले बच्चियों को फुटबॉल खेलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। कोच विक्रम सिंह राजवी ने बताया कि माता-पिता को अब लगने लगा है फुटबॉल से उनके बेटे-बेटियों का करियर बन सकता है। दिनभर स्कूल और शाम को खेल का मैदान व खेलने का जज्बा निश्चित रूप से ढींगसरी को एक दिन मिनी ब्राजील का रूप देगा।



