-परिवादी की और से अधिवक्ता गोपाल सिंह ने की पैरवी
-उपभोक्ता न्यायालय ने दो परिवादी को दी राहत
राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। निवेश की राशि समय पर वापस नहीं करने के मामले में उपभोक्ता न्यायालय ने सहारा इंडिया फाइनेंशियल कंपनी को बड़ा आदेश दिया है। दो अलग-अलग मामलों में उपभोक्ता न्यायालय ने यह आदेश दिया है। एक मामला विजय सिंह सोलंकी बनाम सहारा इंडिया के नाम से दर्ज था। वहीं दूसरा मामला भवरी कंवर पत्नी विजय सोंलकी के नाम से था।


आयोग ने विजय ङ्क्षसह के मामले में सुनवाई के बाद सहारा इंडिया को निर्देश दिए कि वह शिकायतकर्ता को उसकी जमा राशि दस हजार रुपए नौ प्रतिशत ब्याज के साथ और मानसिक क्षति के लिए दस हजार रुपए और परिवाद खर्च के पांच हजार रुपए मुआवजा भी अदा करे।आदेश में कहा गया है कि निवेशकों की रकम रोकना अनुचित व्यापार व्यवहार है और इससे आम जनता का विश्वास टूटता है।
वहीं भवरी कंवर के मामले में न्यायालय ने 5500 रूपए जमा करवाने की दिनांक 7 अगस्त 2012 से वास्तविक अदायगी तक 9 प्रतिशत वार्षिक दर से साधारण ब्याज सहित निर्णय की तारीख के दो माह तक अदा करने के आदेश दिए है साथ ही क्षतिपूर्ति के रूप मे अधिवक्ता व परिवाद के व्यय के रूप में 5500 रूपए अदा करने का आदेश दिया है।
दोनो परिवादी की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता गोपाल सिंह ने बताया कि परिवादी ने वर्ष 2012 व 2013 में सहारा इंडिया में निवेश किया था, लेकिन परिपक्वता अवधि पूरी होने के बावजूद कंपनी ने भुगतान नहीं किया। इसके बाद परिवादी की तरफ से उपभोक्ता आयोग जयपुर में वाद दायर किया।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि कंपनियों को निवेशकों का धन रोकने या भुगतान टालने का कोई अधिकार नहीं है। आदेश में यह भी उल्लेख है कि निर्धारित अवधि में भुगतान नहीं करने पर अतिरिक्त ब्याज देय होगा। परिवादी की तरफ से पैरवी एडवोकेट गोपाल सिंह सोलंकी ने की। इस निर्णय को निवेशकों के पक्ष में एक महत्वपूर्ण राहत माना जा रहा है।






