Nepal protest
राजस्थान 1st न्यूज,नेटवर्क। नेपाल के लिए आज 8 सितंबर का दिन हमेशा के लिए याद रखा जाएगा। जहां पर युवाओं की विरोध की आग नेताओं तक पहुंच गयी। प्रदर्शनकारी प्रदर्शन करते हुए संसद तक पहुंच गए। जहां पर पुलिस को प्रदर्शनकारियों को कंट्रोल में करने के लिए आंसु गैस के गोले छोडऩे पड़े। पुलिस और प्रदर्शनकारी आमने-सामने हो गए। जिसमें करीब र्दा दर्जन प्रदर्शनकारियों की मौत हो गयी। वहीं सैकड़ों की संख्या मेंं प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
प्रदर्शन के बाद खबरें निकलकर आयी कि सरकार ने सोशल मीडिया से बैन हटा दिया है लेकिन ये खबरें केवल अफवाह ही नहीं। देर शाम को पीएम ओली ने कहा कि अब तक सोशल मीडिया से बैन नहीं हटाया गया है। वहीं गृहमंत्री रमेश लेखक ने कानून व्यवस्था के चौपट होने पर नैतिकता के आधार पर अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी है।
इससे पहले प्रदर्शन के बीच संसद भवन, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, पीएम आवास के पास के इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया। नेपाल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन के दो गेटों पर कब्जा कर लिया। बता दें कि नेपाल सरकार ने पिछले सप्ताह फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब सहित 26 सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगा दिया था। नेपाल सरकार साइबर क्राइम, फर्जी खबरों और मिसलीडिंग कंटेंट में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए एक साल से भी ज्यादा समय से बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों को नियंत्रित करने की मांग कर रही है।
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली चीन के काफी करीबी रहे हैं। वह नेपाल में चीन जैसा सेंसरशिप लागू करना चाहते हैं। नेपाल सरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निगरानी रखने के लिए एक बिल भी संसद में लाने वाली है।