-सुप्रीम कोर्ट ने की अहम टिप्पणी
-सरकार को दिए इसमें बदलाव के निर्देश
राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। चाइल्ड पोर्नोग्राफी के बढ़ते मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करतेेे हुए अहम निर्णय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी स्टोर करना और देखना पॉक्सों के साथ आईटी एक्ट का अपराध है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पादरीवाला की बेंच ने मद्रास हाईकोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर कोई चाइल्ड पोर्नोग्राफी डाउनलोड करता है और देखता है तो यह अपराध नहीं, जब तक कि उसकी नीयत इस मटेरियल को प्रसारित करने की ना हो।
जस्टिस जेबी पादरीवाला ने अपने फैसले में संसद को भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी की जगह चाइल्ड सेक्शुअल एक्सप्लॉइटेटिव एंड एब्यूसिव मटेरियल शब्द का इस्तेमाल किया जाए। अदालत ने केंद्र सरकार से कहा कि इसके लिए एक अध्यादेश लाकर बदलाव करें। सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों को भी निर्देश दिया कि वे “चाइल्ड पोर्नोग्राफी” शब्द का इस्तेमाल ना करें। गूगल ने 2021 में रिपोर्ट जारी कर बताया है कि दुनिया में सबसे ज्यादा पोर्न देखने के मामले में भारत छठे स्थान पर है। वहीं, पोर्न हब वेबसाइट के मुताबिक इस वेबसाइट को यूज करने वालों में भारतीय तीसरे नंबर पर आते हैं।