Bikaner News
राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। इलाज में लापरवाही के चलते बच्ची की मौत हो जाने का मामला सामने आया है। इस सम्बंध में सदर पुलिस थाने में तीन डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करवाया है। इस सम्बंध में रानी बाजार निवासी जगदीश चन्द्र खत्री ने मारवाड़ हॉस्पीटल के डॉक्टर गौरव गोंबर,जयपुर के हॉपी हॉस्पीटल के डॉ. अंकित मंगला,डॉ. मंगला मितल के खिलाफ दर्ज करवाय है।
प्रार्थी ने बताया कि इन डॉक्टरों की लापरवाही के चलते उसकी बच्ची की मौत हो गयी। इन पर आरोप है कि इन्होंने बच्ची के ईलाज में गंभीर लापरवाही बरती, जिसके कारण बच्ची हैजल खत्री की मौत हो गई। डॉ. गौरव गोंबर ने ईलाज में लापरवाही बतरने के साथ-साथ पैसों के लालच में जयपुर रैफर कर दिया वो भी गलत डॉक्टर्स के पास। साथ ही डॉ. गोंबर पर जांच कमेंटी के सामने सही तथ्य छुपाकर गलत तथ्य पेश करने का भी आरोप है।
परिवादी ने रिपोर्ट में बताया कि मेरी पत्नी आसा खत्री ने 13.09.2022 को पीबीएम चिकित्सालय बीकानेर में एक पुत्री हैजल खत्री को जन्म दिया।
परिवादी ने बताया कि जन्म के डेढ़ वर्ष पश्चात् मेरी पुत्री को बुखार 103 डिग्री आने पर मैं अपनी पुत्री को लंबे समय तक डॉक्टरों को दिखाया तो दवाई लेने से वो ठीक हो गयी।
इसके पश्चात् सितम्बर 2024 में मेरी पुत्री को पुन: बुखार आया तो मैं उसे लेकर मारवाड हॉस्पीटल में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव गोम्बर के पास लेकर गया जहां डॉ. गौरव गोम्बर को मैंने बताया कि मेरी पुत्री को हर 6 माह पश्चात् पेशाब में संक्रमण की समस्या हो जाती है और मैंने उसे पूर्व में दो बार गंगाशहर स्थित डॉ. एल.सी. बैद को दिखा दिया है लेकिन इसके पश्चात भी मेरी पुत्री की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है, जिस पर डॉ. गौरव गोम्बर ने कहा कि हमारी हॉस्पीटल में हॉप हॉस्पीटल दुर्गापुरा, जयपुर से गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकित मंगला आते है, जो आज भी हमारी हॉस्पीटल में आए हुए है। आप अपनी पुत्री को डॉ. अंकित मंगला साहब को दिखा देखें। जब डॉ. मंगला को दिखाया तो जयपुर लाने को कहा। जिसके बाद वह अपनी बेटी को लेकर जयपुर गया। 4.9.2024 को हॉप हॉस्पीटल जयपुर गया और डॉ. अंकित मंगला से सम्पर्क किया तो उन्होंने वहां जाते ही मेरी पुत्री को अस्पताल में भर्ती कर लिया और मेरी पुत्री को लगातार एंटीबायोटिक दवाईयां देते रहे।
अंकित मंगला ने 08. सितम्बर 2024 को मेरी पुत्री की मुत्राशय की जॉच करवायी और कहा कि आपकी पुत्री की एक और जॉच (किडनी सम्बंधी जाँच) होगी जो हमारे हॉस्पीटल में उपलब्ध नहीं है। इसके लिये आपकी पुत्री को हमारी हॉस्पीटल की स्टॉफ गेटवेल हॉस्पीटल लेकर जायेगा।
जिसके बाद डॉक्टर के कहे अनुसार सभी जांच करवा दी। जांचे करवाने के बाद डॉक्टर ने उसे ऑपरेशन को कहा। ऑपरेशन के लिए कुछ दवाई दी और कहा कि ापको 25 दिन की दवाईया लेनी पडेगी। जिससे की आपकी पुत्री का अवेडर मजबूत हो जायेगा और ऑपरेशन करवाने में सक्षम हो जायेगी।
परिवादी ने बताया कि बीकानेर लाने के कुछ ही दिन बार 14 सितम्बर को उसकी बेटी की तबीयत खराब हो गयी। वह अपनी पुत्री को लेकर मारवाड हॉस्पीटल में डॉ. गौरव गोम्बर के पास लेकर गया तो डॉ. गौरव गोम्बर ने मेरी पुत्री को भर्ती कर लिया ओर हॉप हॉस्पीटल के डॉ. अंकित मंगला से सलाह मश्चरा करके एटीबोयोटिक दवाईयां शुरू कर दी और यह सिलसिला करीब 20-25 दिन तक चलता रहा। जिसके बाद बीकानेर से उसे जयपुर रैफर कर दिया गया।
जिसके बाद वह अपनी पुत्री को लेकर हॉप हॉस्पीटल गया और डॉ. अंकित मंगला से मिला तो उन्होनें मेरी पुत्री को भर्ती कर लिया, भर्ती करने के पश्चात लगातार 7 दिनों तक मेरी पुत्री को एंटिबायोटिक दवाईयां देते रहे और 22.10.2024 को डॉ. प्रियंका मित्तल ने मेरी पुत्री का ऑपरेशन किया।
परिवादी ने बताया कि इसी दौरा गलती से हॉस्पीटल से जुड़े स्टॉफ ने उसे उसकी बेटी का एक्सरे दे दिया। जिसमें उसकी बेटी के पेट पर काफी टांके और पेट में कुछ दिखा। जिस पर परिवादी डॉक्टर के पास गया तो डॉक्टर ने उसे कहा कि आप की पुत्री के पेट को खोलने पर उसमें हमें कई समस्या नजर आयी तब हमने सभी समस्याओं का निस्तारण कर आपकी पुत्री के पेट में स्टंट डालकर 200 टांके लगाए हैं इससे कुछ ही दिनों में आपकी पुत्री पूर्णतया स्वस्थ हो जायेगी।
परिवादी ने बताया कि जिसके बाद उसकी बेटी को डिस्चार्ज कर घर भेज दिया। बीकानेर आने पर फिर से उसकी बेटी की तबीयत खराब हुई तो वह डॉम् गोरव गोंबर के पास गया। जहां पर डॉ. ने उसे भर्ती कर लिया। जहां पर 3-4 दिन बाद तबीयत ज्यादा बिगड़ गयी। उसके पुरे शरीर पर अत्याधिक सुजन आ गई। जब परिवादी ने डॉ. गोंबर से पुछो तो उसे जयपुर रैफर कर दिया गया। जिसके बाद परिवादी जयपुर पहुंचा तो डॉ. ने जांच करवा कहा कि सामान्य है और केवल टाईफाइड है। परिवादी ने बताया कि इसके बाद उसकी बेटी को आईसीयू में ले लिया गया।
परिवादी ने बताया कि इसके बाद उसकी बेटी की तबीयत लगातार खराब होती रही। परिवादी ने बताया कि जब उसने इस सम्बंध में डॉ. से बातचीत करने का प्रयास किया तो उसने फोन उठाया नहीं।
परिवादी ने बताया कि फिर कुछ समय में डॉ. आए और केबिन में बुलाकर उसके साथ अभद्रता करते हुए कहा कि आप अपनी पुत्री को हमारी हॉस्पीटल से ले जाओ, हमारे पास आपकी पुत्री का कोई इलाज नहीं है। दोनों डॉक्टर अत्याधिक आक्रोशित हो गये और उपहास करते हुये कहा कि आप अपनी पुत्री को अमेरीका ले जाओ, जहां उसका पुरा ईलाज हो जायेगा, हमारी हॉस्पीटल में आपकी पुत्री को कोई ईलाज नहीं है। तब में व मेरी पत्नी दोनों डॉक्टरों के सामने गिडगिडाते हुये व रोते हुये कहा कि हम अपनी पुत्री को अमेरीका ले जाकर इलाज कराने में असमर्थ है, तब उपरोक्त दोनों डाक्टरों ने कहा कि आप अपनी पुत्री को दिल्ली स्थित वेदांता हास्पीटल ले जाओ जहां आपकी पुत्री का ईलाज हो जायेगा। यह कि तत्पश्चात उक्त लोगों ने मेरी पुत्री का डिस्चार्ज कार्ड बनाया जिस पर उन्होंने लेफ्ट अगेंस्ट मेडिकल एडवाइस अंकित कर दिया तो मेरे द्वारा विरोध करने पर की मैं अपनी पुत्री को अपनी स्वेच्छा से लेकर नहीं जा रहा हूँ बल्कि आप मेरी पुत्री को बेहतर ईलाज के लिये रेफर कर रहे हो इसलिए डिस्वार्ज कॉर्ड पर लेफ्ट अगेंस्ट मेडिकल एडवाइस की जगह रेफर अंकित कर के मेरी पुत्री को डिस्चार्ज करे। इस.पर उक्त डॉक्टरों ने डिस्चार्ज कॉर्ड फाडकर एक समरी बनाई जिसपर लेफ्ट अगेंस्ट मेडिकल एडवाइस अंकित कर दिया लेकिन उक्त समरी के अंदर उन्होनें मेरी पुत्री को रेफर करना अंकित बताया है। मेरी पुत्री का स्वास्थ्य अत्याधिक खराब होने के कारण उपरोक्त दोनों डॉक्टरों ने मेरे सामने डिस्चार्ज कॉर्ड जिस पर लेफ्ट अगेंस्ट मेडिकल एडवाइस अंकित था मेरा विरोध करने पर मेरे सामने काट दिया था लेकिन फिर भी उक्त दोनो डॉक्टरों ने मेरे साथ छल-कपट करके व अपना बचाव करते हुये समरी में भी लेफ्ट अगेंस्ट मेडिकल एडवाइस अंकित कर दिया था।
परिवादी बताया 19.11.2024 को एंबुलेंस द्वारा अपनी पुत्री को दिल्ली वेदांता हॉस्पीटल लेकर गया जहां पर मेरी पुत्री को भर्ती करके कुछ जांचे करवाई गई और वेदांता हॉस्पीटल के डॉक्टरों द्वारा मुझे बताया गया कि आपकी पुत्री के शरीर में 24 घंटे पूर्व से ही एसिड बनना शुरू हो गया था इस बाबत आपकी पुत्री का हॉप हॉस्पीटल के डॉक्टरों द्वारा कोई इलाज नहीं किया गया और अत्याधिक स्थिति खराब होने के कारण मेरी पुत्री का 20.11.2024 को सुबह 7 बजे वेदांता हॉस्पीटल, दिल्ली में देहांत हो गया और मैं अपनी पुत्री का डेडबॉडी लेकर अपने घर बीकानेर आ गया।
परिवादी बताया कि डॉक्टर गौरव गोम्बर, डॉ. अंकित मंगला, डॉ. प्रिंयका मित्तल ने आपस में एकराय होकर व आपस में सांठ-गांठ करके मुझ से रूपये हड़पने के कपटपूर्ण आशय से मेरी पुत्री को पूर्णतया स्वस्थ करने का झांसा देकर मेरी पुत्री को कई दिनों तक अपनी-अपनी अस्पतालों में भर्ती रखकर मुझ से लाखो रूपये हड़प किये है
परिवादी बताया कि सभी डॉक्टरों की चिकित्सीय लापरवाही के कारण मेरी पुत्री का ्र वेदांता हॉस्पीटल दिल्ली में देहांत हो गया है।
परिवादी बताया कि सभी डॉक्टरों की घोर लापरवाही के कारण मेरी पुत्री की मृत्यु हुई है। परिवादी बताया कि मैंने एक प्रार्थना पत्र मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी बीकानेर को आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्यवाही करने हेतु प्रस्तुत किया था।
परिवादी बताया कि जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी बीकानेर को प्रस्तुत की, जिसमें यह तथ्य आया की हैजल खत्री को उच्चस्तरीय ईलाज हेतु डीएमएसए तथा मैकग की जांच करवाने हेतु कहा तथा बच्चों के किडनी रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क करने की सलाह दी लेकिन जांच रिपोर्ट में यह तथ्य आया है कि डॉ. गौरव गोम्बर ने सही तथ्य छिपाकर जांच कमेटी के समक्ष गलत तथ्य प्रस्तुत किये है।
सही तथ्य यह ही है कि डॉ. गौरव गोम्बर द्वारा हैजल खत्री को डॉ. अंकित मंगला को दिखाने की सलाह दी गई थी। जो कि नेफ्रोलॉजिस्ट है जो कि बच्चों की किडनी रोग विशेषज्ञ नहीं है और डॉ गौरव गोम्बर द्वारा हैजल खत्री को ईलाज के लिये हॉप हॉस्पिटल जयपुर रैफर किया था। उपरोक्त सभी तथ्य गौरव गोम्बर ने जांच कमेटी के समक्ष झूठे बयान किये है। इससे भी बची हैजल खत्री के ईलाज में डॉ गौरव गोम्बर की गंभीर लापरवाही दर्शाती है।
परिवादी बताया कि क्लीनिकल इस्टेबलिसमेंट एक्ट के तहत डॉ. गोरव गोम्बर को हैजल खत्री को ईलाज हेतु नजदीक के अस्पताल रैफर किया जाना था. लेकिन डॉ. गोरव गोम्बर ने हैजल खत्री को सम्भाग के सबसे बड़े चिकित्सालय पी.बी. एम. हेतु रैफर ना किया जाकर हॉप हॉस्पिटल जयपुर रैफर किया गया। इससे भी डॉ. गौरव गोम्बर की हैजल खत्री के ईलाज में लापरवाही दर्शाती है। परिवादी बताया कि उपरोक्त सभी तथ्यों से स्पष्ट है कि बेबी हैजल खत्री की मृत्यु डॉ. गोरव गोम्बर, डॉ अंकित मंगला व डॉ प्रियंका मित्तल की ईलाज के दौरान की गई लापरवाही से हुई है। परिवादी की रिपोर्ट पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच एएसआई अशोक अदलान को सौंपी है।
Leave a Comment