मुर्दाबाद के नारे कुछ ही मिनटों में बदल गए जिंदाबाद में,देखें वीडियो

पार्षदों से वार्डो में विकास का हिसाब-किताब में वार्ड-24 की यात्रा
राजस्थान 1st न्यूज की पेशकश
राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। बीकानेर सहित प्रदेश के अनेक निकायों का कार्यकाल खत्म हो गया है। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने बीकानेर सहित अनेक निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति कर दी गयी है। पार्षदों के कार्यकाल पूर्ण होने के बाद राजस्थान फस्र्ट न्यूज ने शुरू किया है पार्षदों से पांच साल के काम का हिसाब किताब की सीरीज

आज साक्षात्कार में हमारे साथ रहे वार्ड 24 से निवर्तमान पार्षद मुकेश पंवार जिनसे हमने पांच साल के विकास कार्य को लेकर चर्चा की। बता दे कि मुकेश पंवार लम्बे समय से भाजपा से जुड़े है और कई पदों पर भी रह चुके हैं।

सवाल-पांच साल में जनता के लिए क्या काम किए
जवाब-हमने पांच साल में क्षेत्र के हर तबके के लिए काम करने का प्रयास किया। हमारे वार्ड के साथ लगने वाले आसपास के वार्ड की सीमाओं पर भी काम किया। करीब साढ़े सात करोड़ रूपए के विकास कार्य पुरे पांच साल में अलग-अलग विभागों से सभी के सहयोग से करवाएं। महापौर का पुरा साथ मिला और जब भी कोई विकास कार्य के लिए मिले तो तुरंत प्रभाव से हुआ।

सवाल-ऐसे काम जो ऐतिहासिक थे और करवा दिए गए
जवाब- माइल्ड स्टोन काम की बात करे तो हमारे क्षेत्र में करीब सात किलोमीटर की सडके बनी। क्षेत्रफल की दुष्टि से हमारा वार्ड बहुत बड़ा है। ऐसे में ये हमारे लिए बड़ा चैलेंज था।

सवाल-आपके सामने आपका विरोध हुआ क्या कहेंगे
जवाब-एक सीवरेज की छोटी सी समस्या थी जिसको लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ था हालांकि मेरा वार्ड नहीं था लेकिन फिर भी मेरा विरोध किया गया। जब मौके पर पहुंचा तो प्रदर्शनकारी साथियों ने मुर्दाबाद के नारे लगाए। जिसके बाद मैने मौके पर ही सबसे बात की तो कुछ ही मिनटों में उन्हीें लोगोंन े जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए।

सवाल-साफ सफाई की व्यवस्था में सुधार कैस किया जा सकता है
जवाब-बीकानेर साफ सफाई के लिए प्रशासन पुरी तरीके से अपना काम करता है लेकिन अब जरूरत है कि शहर के लोग भी अपनी जिम्मेवारी को समझे। पहले के समय में हमारे पूर्वज खुद घर के आगे की सफाई करते थे और गंदगी नहीं होने देते थे। ऐसे में आमजन को भ्भी इसको समझना चाहिए और अपने आसपास गंदगी ना हो उसके लिए प्रयास करना चाहिए।

सवाल-अगर संगठन टिकट नहीं देता है तो क्या निर्णय होगा आगे आपका
जवाब-पांच साल काम किया है। टिकट की मांग करना अधिकार है। फिर भी अगर कोई परिस्थिति में टिकट नहीं मिलती है तो संगठन का निर्णय मान्य होगा।

ऐसे ही सवालों की जवाबों की पुरी बातचीत के लिए नीचे दिए गए यूट्यूब पेज पर देख सकते हैं साक्षात्कार।

 

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!