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रैकिंग सुधरी लेकिन धरातल पर हालात कब सुधरेंगे,देखें शहर में स्वच्छता के हाल-Bikane News 

Bikane News राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। हाल ही में स्वच्छता को लेकर आंकड़े जारी किए गए। जिसमें बीकानेर ने साफ-सफाई के मामले में छंलाग लगायी है। आंकड़ों के जारी होने के बाद शहर के लोग भी यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि आखिर स्वच्छता रैंकिग में बीकानेर के हालात कैसे सुधरे है। स्वच्छता के आंकड़े जारी होने के बाद से ही लगातार आमजन सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा कर बता रहे हैं कि शहर के हालात कितने बदले है।

आंकड़ों में तो शहर साफ सफाई के मामले में कुछ हद तक ठीक हुआ है लेकिन धरातल पर गौर करें तो हालात बद से बदतर है। जिनकी सुध लेने वाला भी कोई दूर-दूर तक नजर नहंी आता है।
बीकानेर में सड़कों में गढ्ढे या फिर गढ्ढ़ों में सड़कों जैसे हाल है। हालात इतने खराब है कि किसी भी सड़क पर चले जाएं तो मिट्टी के टीले और गढ्ढे ही नजर आ रहे हैं।

देखें शहर के अलग-अलग क्षेत्र के हाल
सुरसागर बीकानेर के ऐतिहासिक विरासत है। ऐसे में वहां पर साफ सफाई और सौंदर्य के नाम पर करोड़ों रूपए पास किए जाते है लेकिन हालात इतने खराब है कि देखने पर शर्म सी आने लगती है। ना तो कोई साफ सफाई करने वाला है और ना ही सफाई व्यवस्था के प्रति ध्यान रखने वाला। केवल कार्यक्रम के समय में खानापूर्ति कर दी जाती है।

हैड पोस्ट ऑफिस से चोखुंटी पुलिस तक बाइक पर आए तो शहर की स्वच्छता को आप ठीक से नंबर दे पाएंगे,आंकड़े चाहे कछ भी कहेंं लेकिन इस सड़क से निकलने के बाद स्वच्छता की हकीकत सामने आ जाएगी। सड़क के किसी भी कोने की तरफ देखेेंगे तो पाएंगे कि हालात कैसे है और सड़क की बात तो करना ही बेमानी होगी।
चौखुंटी पुलिया से जस्सुसर गेट की तरफ जाएंगे तो चारों और गंदगी ही गंदगी नजर आएगी मानो यहां जैसे कर्मचारी सफाई करते ही नहीं होंगे। ऐसे हालात है। जगह-जगह कूडे के ढ़ेर लग है। जिन्हें देखने और हटाने के लिए कोई जिम्मेवार नजर नहीं आता है।

 

पंडि़त धर्मकांंटे के सामने अगर जाएंगे तो ऐसा लगेगा माना नेशनल हाईवे या शहर में नहीं बल्कि किसी कच्ची बस्ती में आ गए है। जहां पर सड़क की जगह मिट्टी के बड़े-बड़े ढेर बीच सड़क पर मिलेंगे। ऐसा लगता है कि शहर का कोई धणीधोरी नहंी है और बिना काम के ही शहर स्वच्छता की रैकिंग में छंलाग लगा रहा है। जो कि यहां के लोगों के भी गले नहीं उतर रहा है और उतरे भी तो कैसे जब शहर के हाल ऐसे हो तो।

 

ये तो नाम मात्र हालात है जो कि शहर के मुख्य स्थानों पर से है। अधिकांश क्षेत्रों में चले जाएंगे तो इससे भी बदतर हाल मिलेंगे। ऐसे में हर कोई पुछ रहा है कि रैकिंग में तो शहर के हालात सुधर गए है लेकिन धरातल पर ये हालात कब सुधरेंगे। आगे भी हम आपको दिखाएंगे शहर के अन्य जगहों से स्वच्छता के हाल।