बीकानेर की बेटी आरएएस प्रियंका विश्नोई की मौत का मामला
राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। बीकानेर की बेटी आरएएस प्रियंका विश्नोई के मामले में नया मोड़ आ गया है। अब हॉस्पीटल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं कोर्ट में कई बिंदुओं पर चर्चा की गयी है। बीकानेर में जन्मी और जोधपुर में असिस्टेंट कलेक्टर रह चुकीं प्रियंका विश्नोई की मौत के मामले में वसुंधरा हॉस्पिटल के मालिक और डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर हो गई है। डॉ संजय मकवाना, डॉ रेनू मकवाना, डॉ विनोद शैली, डॉ जितेंद्र और समस्त मेडिकल स्टाफ के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है।
प्रियंका विश्नोई के ससुर ने न्यायालय के मार्फत वसुंधरा हॉस्पिटल (जोधपुर) के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था।
इस मामले को लेकर मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या 08 (जोधपुर) में सुनवाई हुई। शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे एडवोकेट नमन मोहनोत ने कोर्ट में तर्क पेश किए। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को अपनी गलती का एहसास था। इसके बावजूद उन्होंने न केवल मरीज का उचित इलाज नहीं किया, बल्कि परिवार को भी सही जानकारी नहीं दी।
ससुर की शिकायत के अनुसार- 5 सितंबर को प्रियंका को वसुंधरा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। एडवोकेट नमन मोहनोत ने कोर्ट में बताया कि डॉक्टरों ने प्रियंका को एक सामान्य बीमारी बताकर भर्ती किया था। बाद में प्रियंका की हालत बिगडऩे लगी।
न्यूरोलॉजिस्ट ने सीटी स्कैन करने का परामर्श दिया। जो एक महत्वपूर्ण कदम था, लेकिन इसके बावजूद यह टेस्ट नहीं किया गया। शिकायत में कहा गया है कि टेस्ट न करने का कोई ठोस कारण भी परिवार को नहीं दिया गया, जिससे अस्पताल की मंशा पर सवाल उठता है।
शिकायतकर्ता ने बताया- प्रियंका की हालत बिगडऩे पर उन्हें 7 सितंबर को अहमदाबाद के सिम्स हॉस्पिटल रेफर किया गया। वहां डॉक्टरों ने रिपोर्ट की जांच के बाद स्पष्ट किया कि मरीज को ‘हेमरेजÓ था, जिसका पहले उचित इलाज नहीं किया गया।
अस्पताल में इस बात की पुष्टि हुई कि वसुंधरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने मरीज की गंभीर स्थिति के बावजूद उचित जांच और इलाज नहीं किया था। इस दौरान परिवार को मरीज की असल स्थिति के बारे में भी अंधेरे में रखा गया।
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