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औचक निरीक्षण में खुली पोल,वेतन भत्ते किए गए बंद





राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने के लिए बेरोजगार प्रार्थियों को विभिन्न राजकीय विभागों में प्रतिदिन 4 घण्टे की इंटर्नशिप करने के लिए भेजा जाता है। इस सम्बन्ध में बुधवार को रोजगार कार्यालय द्वारा रासीसर व पलाना के विभिन्न विभागों में इंटर्नशिप करने वाले आशार्थियों का मौके पर पहुंचकर उनकी उपस्थिति का भौतिक सत्यापन किया गया। उप क्षेत्रीय रोजगार कार्यालय के उप निदेशक हरगोबिंद मित्तल ने बताया कि रासीसर में पुरोहितान बास, कुम्हारों का बास, तालरिया बास व पंचायतान बास में स्थित शिक्षा विभाग, आंगनबाड़ी एवं चिकित्सा विभाग के कार्यालयों एवं विद्यालयों में कार्यरत इंटर्न्स के भौतिक सत्यापन में कईं जगह इंटर्नशिप कर रहे प्रार्थी अनुपस्थित मिले तथा कुछ अन्य अनियमितताएं पाये जाने पर सम्बन्धित से प्रत्युत्तर मांगा गया है। इसी क्रम में पलाना स्थित विद्यालयों में भी कुछ इंटर्न अनुपस्थित पाये गये। जिनका बेरोजगार भत्ता नियमानुसार बन्द कर दिया गया है।

मित्तल ने बताया कि विभाग द्वारा इस योजनान्तर्गत उपस्थिति प्रमाण पत्रों एवं इंटर्न्स से लिये जाने वाले कार्यों का लगातार भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। जिसमें अनियमितता पाये जाने अथवा ऑनलाईन उपस्थिति में कूटरचित दस्तावेज अपलोड करने पर सम्बन्धित प्रार्थी से बेरोजगारी भत्ता राशि की वसूली कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन विभागों में भी बेरोजगारी भत्ता हेतु इंटर्नशिप के लिए आशार्थी भेजे जा रहे हैं, वहां के कार्यालयाध्यक्ष उपस्थिति जारी करते समय विशेष ध्यान रखें।

 

वे स्वयं समय-समय पर जांच करते रहें तथा त्रुटिपूर्ण उपस्थिति प्रमाण पत्र जारी न करें जिससे योजनान्तर्गत पात्र आशार्थियों को ही लाभ मिल सके। सत्यापन में पाई गई अनियमितता में किसी भी राजकीय कार्मिक के संलिप्त होने पर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रकरण सम्बन्धित उच्चाधिकारियों तथा योजना के नोडल अधिकारी जिला कलक्टर के ध्यान में लाया जाएगा।

रोजगार कार्यालय के कनिष्ठ रोजगार अधिकारी व भौतिक सत्यापन दल प्रभारी चौधरी दिनेश कुमार ने बताया कि जिले में किये जा रहे भौतिक सत्यापन में अनुचित तरीके से लाभ प्राप्त करने वाले प्रकरणों में लगभग 50 से अधिक प्रार्थियों से 7 लाख से अधिक की बेरोजगारी भत्ता राशि की वसूली की जा चुकी है तथा उनका बेरोजगारी भत्ता सदैव के लिए बन्द कर दिया गया है। इस योजनान्तर्गत अनुचित तरीके से बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने वालों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही प्रस्तावित करने का भी प्रावधान है।

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