राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। पेट्रोलियम पदार्थो की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें कम होने के चलते अब देश में भी पेट्रोलियम पदार्थो के कम होने की आस जगी है। जिसके कई कारण है। मार्च से अब तक कच्चे तेल की कीमतें 12% तक कम हुई है जिस कारण ऑयल मार्केटिंग और रिफाइनिंग कंपनियों का मार्जिन बढ़ा है। ऐसे में पेट्रोल- डीजल के दाम में कटौती की गुंजाइश है।रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इंपोर्ट होने वाले क्रूड ऑयल की एवरेज कीमत इस महीने कम होकर 74 डॉलर प्रति बैरल रह गई है। मार्च में इनके दाम 83-84 डॉलर थे।
सरकारी तेल कंपनियां भी मुनाफे में आ गई हैं। अब आम आदमी को महंगे डीजल-पेट्रोल से राहत मिलने की उम्मीद बंधा रहे हैं।जब रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ था उस समय कच्चे तेल का भाव उछल कर 130 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया था। उस लिहाज से देखें तो अब कच्चे तेल की कीमत लगभग आधी रह गई है। सरकारी तेल कंपनियों ने भी वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में खूब मुनाफा कमाई है। तेल कंपनियों के मुनाफे में होने और कच्चे तेल के दाम में गिरावट के बाद अब देश के हर आदमी के मन में अब ये सवाल जरूर उठ रहा है कि सरकार आम आदमी को महंगे पेट्रोल-डीजल से कब राहत देगी गौरतलब है कि आखिरी बार इसी साल आम चुनाव से पहले मार्च में पेट्रोल और डीजल के रेट घटाए गए थे तब पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतों में 2-2 रु की कटौती की गई थी।