राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। मुरलीधर व्यास राजस्थानी की 41वीं पुण्यतिथि पर 16 फरवरी रविवार को मुरलीधर व्यास राजस्थानी स्मृति संस्थान द्वारा 141 विद्यार्थियों को राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की मासिक पत्रिका जगती जोत का वितरण किया गया। संस्था अध्यक्ष श्रीनाथ व्यास ने बताया कि शहर के स्टूडेंट सॉल्यूशन क्लासेज और आर्ट्स ऑफ कंप्यूटर में अध्ययनरत विद्यार्थियों को डॉ. नमामि शंकर आचार्य के संपादन में प्रकाशित अंक का वितरण किया गया साथ ही दोनों संस्थाओं के शिक्षकों को जगती जोत का मुरलीधर व्यास राजस्थानी विशेषांक भी भेंट किया गया।
इस अवसर पर राजस्थानी प्रोफ़ेसर डॉ. गौरी शंकर प्रजापत ने कहा कि भाषा केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि संस्कृति की आत्मा होती है। यह परंपराओं को पीढ़ी दर पीढ़ी जीवंत बनाए रखने का सेतु है। व्यक्ति अपनी मातृभाषा में सोचता, सपने देखता है और अपने अस्तित्व एवं पहचान को समझता है। जब तक हमारी भाषा जीवित रहेगी, तब तक हमारी संस्कृति भी सुरक्षित और समृद्ध बनी रहेगी।
कार्यक्रम संयोजक योगेश राजस्थानी ने कहा कि मुरलीधर व्यास राजस्थानी ने न केवल राजस्थानी साहित्य को नया मोड़ और स्वरूप दिया, बल्कि अपनी बहुमूल्य रचनाओं से साहित्य की रिक्तता को भरने का सराहनीय कार्य भी किया। उनका लेखन सपनों और यथार्थ के मध्य एक सजीव चित्र उकेरने जैसा है, जिसे वे अपनी गहरी संवेदनाओं और प्रबल भावनाओं से संवारते हैं।
पत्रिका वितरण कार्यक्रम के दौरान प्रीति पुरोहित, पीयूष जांगिड़, गोपाल पुरोहित, शुभम व्यास, योगेश पुरोहित, भुवनेश अचार्य,अनिरुद्ध हर्ष आदि युवा शक्ति उपस्थित रही।
