राजस्थान फस्र्ट न्यूज,बीकानेर। जरूरत के समय में पैसे उधार देने और वापस नहीं देने के मामले में न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए आरोपित को दोषी माना और सजा का आदेश दिया है। मामला एनआई एक्ट के न्यायालय से जुड़ा है। परिवादी की और से अधिवक्ता पारसमल विश्नोई ने पैरवी की। प्रार्थी के अधिवक्ता विश्रोई ने बताया कि उसके क्लाइंट संतोष कुमार ने अपने जानकार विजय कुमार निवासी बज्जू को जरूरत के समय दो लाख रूपए उधार दिए। जिसके बाद जब परिवादी ने पैसे मांगे तो आरोपी ने उसे चैक दे दिया। जिसे परिवादी ने अपनी बैक में जमा करवाया लेकिन बैंक ने खाते में पैसे नहीं होने की बात कहते हुए चैक अनादरण कर दिया। जिसके बाद विश्रोई ने न्यायालय में इसकी पैरवी की। सुनवाई के दौरान दोनो पक्षों की और से अपनी बात कहीं गयी। न्यायधीश ने दोनो पक्षों के साक्ष्यों को देखते हुए आरोपित विजय कुमार को दोषी माना और चार माह के कारावास के साथ-साथ तीन लाख का जुर्माना लगाया है।
चैक अनादरण के मामले में चार माह की सजा,देना होगा जुर्माना
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