इस समय घट स्थापना से होगा मंगल ही मंगल,जाने सही समय-Chaitra Navratri 2025

Chaitra Navratri 2025

राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। आज रविवार 30 मार्च से भारतीय नव संवत्सर का आगाज हो गया है। आज चैत्र नवरात्र की शुरूआत भी हो गयी है।
यह पर्व हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि मनाया जाता है। इस दौरान जगत जननी मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त चैत्र नवरात्र का व्रत रखा जाता है। मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है।

ज्योतिषियों की मानें और पंचांग गणना अनुसार, 30 मार्च को कलश स्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त है। 30 मार्च को घटस्थापना सुबह 06 बजकर 13 मिनट से लेकर 10 बजकर 22 मिनट के मध्य कर सकते हैं। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्थापना के लिए शुभ समय है। अगर साधक किसी कारणवश सुबह के समय घटस्थापना नहीं कर पाते हैं, तो अभिजीत मुहूर्त में 12 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक कलश स्थापना कर सकते हैं।

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इंद्र योग का संयोग शाम 04 बजकर 54 मिनट तक है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग है। इन योग में कलश स्थापना कर देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलेगा।
कब न करें घटस्थापना
देवी पुराण में वर्णित है कि अमावस्या तिथि पर कलश स्थापना नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही सूर्योस्त के बाद भी कलश स्थापना न करें। किसी भी परिस्थिति में भी सूर्योदय के बाद घटस्थापना न करें। ऐसा करने से देवी मां दुर्गा अप्रसन्न होती हैं। इसके लिए स्थानीय पंडित या ज्योतिष से सलाह लेकर ही घटस्थापना करें।

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