Bikaner News राजस्थान फर्स्ट न्यूज, बीकानेर। पीबीएम में बीती रात जो महिला के इलाज में लापरवाही बरती गयी उसको लेकर भाजपा नेता अब आरपार के मूड में हैं। आज भाजपा नेताओं ने आज प्राचार्य के साथ वार्ता की और विभिन्न मुद्दों को लेकर जल्द सुधार के लिए अल्टीमेटम दिया। एक सप्ताह में इसमें सुधार का आश्वासन दिया गया, जिसके बाद प्राचार्य के साथ भाजपा नेताओं ने पूरे पीबीएम के प्रबंधन को निरीक्षण करवाया, जिसमें कई तरह की खामियां पाई गयीं।


मीडिया से बातचीत करते हुए भाजपा नेता डॉ. भगवान ङ्क्षसह मेड़तिया आज तल्ख अंदाज में दिखे। मेड़तियां ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पीबीएम में जो बीती रात को दृश्य दिखाई दिए वो पीबीएम प्रशासन की पोल खोल रहे है। मेड़तिया ने कहा कि जिनके भरोसे ये पूरा पीबीएम है। उसके अधीक्षक डॉ. घीया को रात को हमारी टीम ने करीब 50 फोन किए लेकिन अधीक्षक के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। सुबह जब वार्ता हुई तब भी घीया हंसी ठिठोली करते हुए नजर आए।
मेड़तियां ने तल्ख अंदाज में कहा कि हमने पीबीएम प्राचार्य को मर्दाना हॉस्पीटल के सामने का गेट लंबे समय से बंद है औार ताला लगाया हुआ है। मेड़तिया ने कहा कि अगर कल तक इस गेट का ताला नहीं खोला गया तो हमारी पूरी टीम इस गेट का ताला तोड़ेंगे और मरीजों के लिए इसे खोला जाएगा। मेड़तिया ने बताया कि पूरे हालात की जानकारी रातोंरात ही चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र ङ्क्षसह खींवसर को दी गयी है और सुधार नहीं होता है तो हमारा एक प्रतिनिधि मंडल जल्द ही मंत्री से मिलेगा।
युवा मोर्चा के अध्यक्ष वेद व्यास ने कहा कि हमारी टीम लगातार पीबीएम प्रबंधन के साथ व्यवस्था सुधारने के लिए तैयार है लेकिन प्रबंधन के अंदर ही कुछ ऐसे लोग बैठे हैं जो कि सरकार की छवि धूमिल करने में लगे हुए हैं। व्यास ने कहा कि हमने 12 मुख्य बिंदुओं पर अल्टीमेटम दिया है लेकिन अगर फिर हालात नहीं सुधरते तो हम इनका खेला बिगाड़ देंगे। व्यास ने बताया कि स्टोर में दवाइयां होने के बाद भी अस्पताल प्रशासन सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए दवाइयां नहीं होने की बात कहते हुए मरीजों के परिजनों से बाहर से दवाई मंगवाते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। अगर समय रहते ये खेल बंद नहीं हुआ तो हम इनका खेला बिगाड़ देंगे।
बता दें कि बीती रात को महिला के इलाज में लापरवाही बरती गई और ए पॉजीटिव की जगह बी पॉजीटिव खून चढ़ा दिया गया, जिसके बाद जिम्मेवार मौन और गौण नजर आए। पीबीएम के इन बिगड़े हालात को लेकर लगातार भाजपा नेता आक्रोश में हैं और पीबीएम की व्यवस्था सुधरे, इसको लेकर एक्टिव हैं। अब देखने वाली बात है कि आखिर एक सप्ताह के इस अल्टीमेटम पर पीबीएम प्रबंधन कितना सकारात्मक रवैया अपनाता है, क्योंकि ऐसे कई आश्वासन पहले भी दिए गए लेकिन हुआ कुछ भी नहीं।



