भागवत केवल पुस्तक नहीं साक्षात् श्रीकृष्ण स्वरूप है: धर्मेश महाराज-Bikaner News 

Bikaner News राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। समाज द्वारा बनाए गए नियम गलत हो सकते हैं किंतु भगवान के नियम ना तो गलत हो सकते हैं और नहीं बदले जा सकते हैं। यह उद्गार अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेशजी महाराज ने भीनासर गौरक्ष धोरा स्थित श्री नखत बन्ना मंदिर में शुक्रवार को श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिवस व्यक्त किए।

 

धर्मेशजी महाराज ने शुकदेव जन्म, परीक्षित श्राप और अमर कथा का वर्णन करते हुए बताया कि भगवान की कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है। राजा परीक्षित के कारण भागवत कथा पृथ्वी के लोगों को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि भागवत के चार अक्षरों का तात्पर्य यह है कि भा से भक्ति, ग से ज्ञान, व से वैराग्य और त त्याग जो हमारे जीवन में प्रदान करे उसे हम भागवत कहते हैं।

 

इसके साथ साथ भागवत के छह प्रश्न, निष्काम भक्ति, 24 अवतार श्री नारद जी का पूर्व जन्म, परीक्षित जन्म, कुन्ती देवी के सुख के अवसर में भी विपत्ति की याचना करती है। है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत केवल पुस्तक नहीं साक्षात् श्रीकृष्ण स्वरूप है। योगी रामनाथजी महाराज ने बताया कि कथा का समय सुबह 10:30 से दोपहर 4 बजे तक रहेगा। श्रद्धालुओं के लिए 10 रुट तय किए गए हैं जहां से नि:शुल्क बस व्यवस्था रहेगी।

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