राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। तिरूपति मंदिर में प्रसाद को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। देशभर में इसको लेकर विरोध किया जा रहा है। इसी बीच बीकानेर से बड़ी मांग उठाई गयी है। विप्र फांउडेशन के बैनर तले अब सनातन संरक्षण बोर्ड बनाने की मांग की गयी है। प्रदेश अध्यक्ष धनसुख सारस्वत एवं राष्ट्रीय सचिव भँवर पुरोहित के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलक्टर से मिलकर कहा कि विप्र फाउंडेशन यह भी मांग करता है की सभी अधिग्रहीत मंदिरों व हिन्दू धार्मिक ट्रस्ट में सनातन धर्मावलम्बी हिन्दू पदाधिकारी ही नियुक्त किये जायें। केन्द्र सरकार एक ‘सनातन संरक्षण बोर्ड’ का गठन करे जिसके अधीनस्थ इन सब ट्रस्ट व अधिग्रहीत मंदिरों की व्यवस्थाओं की देख-रेख हो।
विफा जिलाध्यक्ष किशन जोशी ने कहा की तिरुपति बालाजी मंदिर में बनने वाले प्रसाद में सनातन धर्म में प्रतिबंधित सामग्री मिलाने की घटना पूरे देश के सामने हैं। हमारे देश में इस प्रकार की घटनाएं सनातनी धर्म के प्रति आस्था को कमजोर का असफल प्रयास है। युवा प्रकोष्ठ प्रदेश संगठन महामंत्री दिनेश ओझा में बताया कि धर्मों रक्षति रक्षित: के ध्येय वाक्य को उद्धृत करते हुए संस्थापक सुशील ओझा ने कहा कि केन्द्र सरकार सनातन संरक्षण बोर्ड बनाकर घोर अधर्म और विनाश से भारतीय संस्कृति, अध्यात्म एवं सनातनी भावनाओं के संरक्षण की पहल करे। यह भारत और भारतीयों की धार्मिक भावनाओं से जुड़ा विषय है जिस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
विफा युवा प्रकोष्ठ जिला संगठन महामंत्री पंकज पीपलवा ने बताया की आज प्रतिनिधि मंडल में महिला जिलाध्यक्ष चंद्रकला आचार्य,महिला संगठन महामंत्री आशा आचार्य, महामंत्री कुसुमलता सारस्वत,प्रदेश सचिव नारायण पारीक,युवा जि़ला संगठन महामंत्री पंकज पीपलवा,उपाध्यक्ष श्री प्रकाश उपाध्याय,युवराज व्यास,संस्कार व्यास,दिनेश ओझा सहित उपस्थित ब्राह्मण बन्धुओं ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर मांग की है की इस कृत्य में जो भी सम्मिलित हों उन्हें कठोर दण्ड मिले और साथ ही आज से विप्र फाउंडेशन ने देश भर में ऐसे ज्ञापन सौंपने का क्रम शुरू किया है।
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