राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। एसिडिटी एक बहुत आम सी समस्या है, जिसका आप भी कभी न कभी जरूर शिकार रहे होंगे। पेट में किसी कारण से एसिड का उत्पादन अधिक होने का कारण ये दिक्कत होती है। एसिडिटी के कारण आपको अपच, पाचन की दिक्कत, गैस बनने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। मुख्यरूप से एसिडिटी को खान-पान की गड़बड़ी की वजह से होने वाली दिक्कत माना जाता है पर क्या आप जानते हैं कि इसके लिए कई और चीजें भी जिम्मेदार हो सकती है
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, एसिडिटी ऐसी समस्या है जो पेट में एसिड के अधिक उत्पादन के कारण होती है। इस स्थिति में कभी-कभी एसिड भोजन नली में भी वापस आने लगता है जिसके कारण छाती के निचले हिस्से में दर्द या जलन हो सकती है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक किसी भी उम्र के व्यक्ति को एसिडिटी हो सकती है।
डॉक्टर और पोषण विशेषज्ञ कहते हैं कि अस्वास्थ्यकर खान-पान की आदतें और खराब आहार एसिडिटी के मुख्य कारण हैं। पर इसके अलावा भी कुछ स्थितियां हैं जो एसिडिटी का कारण बनती हैं।
एसिडिटी के कारणों को जानने से पहले इसकी पहचान कैसे की जाए इस बारे में समझना जरूरी है। एसीडिटी तब होती है जब पेट में उपस्थित एसिड (गैस्ट्रिक जूस) अधिक मात्रा में बनने लगता है। पेट का यह एसिड भोजन को पचाने में मदद करता है, लेकिन जब एसिड अधिक मात्रा में बनने लगे या गलत तरीके से पेट की दीवारों में फैलने लगे तो इसके कारण पेट में जलन, दर्द और अन्य समस्याएं पैदा होती हैं।
एसीडिटी के लक्षण
खाने के तुरंत बाद या खाली पेट जलन महसूस होना।
डकार आना विशेषतौर पर खट्टी डकारें।
अक्सर मुंह का स्वाद खट्टा बना रहना।
पेट में भारीपन, दर्द और सूजन की दिक्कत बने रहना।
एसिड गले तक आने से जलन और सूखी खांसी।
मतली और उल्टी की समस्या या बार-बार जी मिचलाना
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इन कारणों पर भी दीजिए ध्यान
खान-पान में गड़बड़ी के अलावा जीवनशैली से संबंधित कई कारकों के चलते भी आपको एसिडिटी हो सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग धूम्रपान और शराब का सेवन अधिक करते हैं उनमें इसका जोखिम अधिक देखा जाता है। इसके अलावा अगर आप अत्यधिक तनाव और चिंता में रहते हैं, नींद पूरी नहीं करते या फिर लंबे समय तक खाली पेट रहते हैं तो इन वजहों से भी आप एसिडिटी का शिकार हो सकते हैं।
मोटापा के शिकार लोगों या फिर जिन लोगों की शारीरिक गतिविधि कम होती है उनमें एसिडिटी के अलावा पाचन और शरीर में कई अन्य बीमारियों के विकसित होने का भी खतरा बढ़ जाता है।
जिन लोगों को अक्सर एसिडिटी की दिक्कत बनी रहती है उन्हें अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। कुछ स्थितियों में ये अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, दर्द निवारक दवाओं का लंबे समय तक सेवन करने या फिर स्टेरॉयड या एंटीबायोटिक्स का ज्यादा सेवन करने वाले लोगों को भी पेट में समस्या या एसिडिटी की दिक्कत बनी रहती है। इन स्थितियों में डॉक्टर से मिलकर दवाओं में बदलाव कराना जरूरी हो जाता है।
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