राजस्थान 1st न्यूज,नेटवर्क। वैसे तो देश में अनेक मंदिर है। जो कि अपनी-अपनी श्ािक्तयों से पहचाने जाते है लेकिन एक मंदिर ऐसा भी है जो कि वर्ष में केवल एक बार ही खुलता है। यह मंदिर देवी माँ का है। बता दें, कर्नाटक के हसन में स्थित ऐतिहासिक हसनंबा मंदिर का कपाट हर साल दीवाली के मौके पर खुलता है। हर साल दीवाली के त्योहार पर मां हसनंबा देवी के दर्शन होते हैं, वे भी केवल एक सप्ताह के लिए… बाकी साल भर माता को मंदिर के अंदर बंद कर दिया जाता है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, जब दीपावली के दिन मंदिर के दरवाजे खोले जाते हैं तो दीपक जलता हुआ मिलता है और इसके अलावा देवी हसनंबा पर जो फूल चढ़ाए गए थे, वो 1 साल बाद भी ताजा ही पाए जाते हैं। स्थानीय धारणा है कि देवी को जो प्रसाद चढ़ाया जाता है, वो अगले साल तक ताजा रहता है। इस चमत्कार को देखने के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैं।
यह मंदिर दीपावली के दिन ही खुलता है और वह भी सिर्फ 1 सप्ताह के लिए. इसके बाद यह मंदिर अगली दिवाली तक के लिए बंद हो जाता है। मंदिर में हसनंबा देवी माता की 1 सप्ताह तक पूजा-पाठ होती है और अंतिम दिन मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं, जिसके बाद फिर अगले साल ही खुलते है। आखिरी दिन मंदिर के दरवाजे बंद करने से पहले एक दीपक जला दिया जाता है जिसमें सीमित मात्रा में ही तेल डाला जाता है और साथ ही कुछ ताजे फूल रखे जाते हैं।
बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण होयसला शासनकाल में में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि जिले का नाम हसन इसलिए पड़ा क्योंकि हसनंबे शहर के देवता भी हैं। 12वीं सदी का ऐतिहासिक हसनांबा मंदिर राज्य का एकमात्र मंदिर है जहां साल में केवल एक बार दर्शन होते हैं।
देवी के भक्तों का मानना है कि साल में एक बार जिसे हसनांबा देवी का आशीर्वाद मिल जाता उसका भाग्य चमक उठता है। उसे धन-धान्य की कभी भी कमी नहीं होती है। देवी के दर्शन मात्र से लोगों के जीवन में समृद्धि और खुशियां आ जाती है।
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