राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। एक और वायरस कहर बरपाने को तैयार हो गया है। जिसके आगे कोरोना और मंकी वायरल कुछ भी नहीं था। जिसके चलते दुनिया के कई देश दहशत में है। इस वायरस की वजह से घाना में दो लोगों की मौत की खबर भी सामने आ चुकी है। जिसके बाद घाना के उस इलाके के लोगों को आइसोलेट भी कर दिया गया। मारबर्ग वायरस के बढ़ते खतरे के बीच ये जरूरी हो गया है कि आप इस वायरस को समझें और इस से बचने के तरीके अपनाने शुरू कर दें। जानवर से इंसानों में आने के बाद अब ये वायरस इंसानों से इंसान में फैल रहा है। ये वायरस भी इबोला परिवार का ही मेंबर माना जा रहा है लेकिन इबोला की तुलना में इसका इंफेक्शन ज्यादा तेजी से फैलता है।
ऐसे पहचानें मारबर्ग वायरस
मारबर्ग वायरस के लक्षण आम वायरल इंफेक्शन जैसे ही दिखना शुरू होते हैं. यानि इसके पीडि़त को ठंड लगती है, बुखार आता है और सिरदर्द भी हो सकता है। 2 से 21 दिन के बाद इस वायरस के लक्षण दिखना शुरू होते हैं। जो जानलेवा भी हो सकते हैं।
ये वायरस ज्यादातर पीडि़त के शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ की वजह से फैलता है। मसलन पीडि़त का पसीना, लार, उल्टी, यूरिन या बलगम के संपर्क में आने पर दूसरे व्यक्ति को ये वायरस अपनी चपेट में ले सकता है अगर कोई व्यक्ति पीडि़त व्यक्ति के बेड या कपड़ों के संपर्क में आता है तो उसे भी मारबर्ग वायरस के इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
अगर कोई व्यक्ति इस वायरस की चपेट में आ चुका है तो उसे अपना शरीर पूरी तरह हाईड्रेट रखने पर जोर देना चाहिए। इस के लिए लिक्विड डाइट लेना और इलेक्ट्रॉलाइट्ज को ज्यादा से ज्यादा कंज्यूम करना जरूरी है।
मारबर्ग वायरस से बचाव के लिए भी खुद को हाइड्रेट रखने और इलेक्ट्रॉलाइट बैलेंस की टिप को अपनाना जरूरी है। इस के अलावा यदि कोई संक्रमित व्यक्ति आप के आसपास है तो उससे दूरी बरतें। संक्रमित व्यक्ति के आसपास होने पर ग्लव्स जरूर पहनें और मास्क भी लगाएं। पीडि़त व्यक्ति को जल्दी से जल्दी क्वारंटाइन कर इलाज शुरू करवाएं।