राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। भूमंडलीय पर्यावरण पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय वरिष्ठ अधिवक्ता एवं अतिरिक्त महाधिवक्ता श्याम सुन्दर लदरेचा आज अजरबेजान की राजधानी बाकू रवाना हो गए। पर्यावरण पर हर साल होने वाले हृष्टस्नस्नस्न का ये सम्मेलन इस बार फिर शुरू होने से पहले चर्चाओ में है। पूर्व के सम्मेलनो की तरह ये स्थान भी फॉस्सल फ्यूअल ( खनिज तेल )के प्रमुख केंद्र पर होने जा रहा है। UNCFFF-25 जब पोलैंड के नगर कोटोवीस जो कोयलों की खदानो के लिए जाना जाता है पर आयोजित हुवा था तब सिविल सोसायटी, व पर्यावरण की वकालत करने वाले वोलेटियर्स ने भारी विरोध किया था।
जहाँ cop सम्मेलन का लक्षय कार्बन उत्सर्जन व ग्रीन हॉउस गैसो को नियंत्रण करना है ठीक उसके विपरीत कार्बन उत्सर्जन में सर्वाधिक लिप्त देशो में सम्मेलन आयोजित होना इसके औचित्य पर प्रश्नचिन्ह लगता है। इस बार के सम्मेलन में फिर अमेरिका अहम् भूमिका में है डोनल्ड ट्रम्प के जीत कर आने से विकासशील व कमजोर देशो के लिए प्रस्तावित ट्रीलियन डालर्स कोरपस की और आशा जगी है। भारत भी पिछले कई वर्षो से कार्बन उत्सर्जन की इस समस्या के लिए बढ़ चढ़ कर अपना पक्ष रख रहा है। भारत का मनना है कि विकसित देशो ने अपने यहाँ उपलब्ध ऊर्जा के सहज व सस्ते में उपलब्ध उन स्रोत का खुब दोहन कर वायुमंडल में भारी मात्रा में कार्बन उत्पन्न की है अब इस आंदोलन से इस सस्ते व सहज उत्पन्न स्रोत पर कसाव कर गरीब, छोटे, व विकास शील देशो के आगे संकट खड़ा किया जा सकता है, जिसके लिए ही अमेरिका की अगवाई में ये कोष खड़ा करने की बात चली थी। ये तो अब 12 तारीख के बाद ही पता चलेगा कि सम्मेलन किस करवट बैठता है।
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