HTML tutorial

वर्तमान समय में लिखी जा रही राजस्थानी कविता उच्च मुकाम पर है





राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट, बीकानेर के तत्वावधान में समकालीन राजस्थानी युवा कविता के स्वर कार्यक्रम की पांचवी कड़ी का आयोजन रविवार को इंस्टीट्यूट सभागार में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार कवि -कथाकार राजेन्द्र जोशी ने की, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कवयित्री-आलोचक डॉ. रेणुका व्यास थी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कवि -कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा की हमारे समय की युवा कविता नए बिम्ब प्रस्तुत करती नजर आती है, उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में लिखी जा रही राजस्थानी कविता उच्च मुकाम पर है। जोशी ने कहा कि तीनो युवा कवियों की राजस्थानी कविताओं में विभिन्न रंगों के साथ प्रेम, सद्भावना मौजू है, तीनो ने अनुभूतियों और अहसासो को बेहतरीन शब्द संसार दिया है,जोशी ने कहा कि दिल जोडऩे वाली रचनाओं से विश्वास बनता है।

। जोशी ने कहा की भारतीय कवियों की तुलना में राजस्थानी के युवा कवियों की दृष्टि और सृष्टि में परिपक्वता और व्यापकता के दर्शन होते हैं।
मुख्य अतिथि कवयित्री-आलोचक डॉ. रेणुका व्यास ने कहा कि कविता आत्म की अभिव्यक्ति है। कविता शब्दों के माध्यम से हमारी पीडा और हमारे आनंद का प्रकटन है। कविता बाहर से भीतर की ओर यात्रा है, जो हमें स्वयं से जोड़ती है। कवि कविता नहीं रचता। कविता रचने की प्रक्रिया में वह स्वयं रचा जाता है।
युवा कवयित्री-गीतकार मीनाक्षी स्वर्णकार ने लगभग एक दर्जन सौन्दर्य बोध की रचनाएं रेत , चेत मानखा, हवेल्यां मांय प्रेम, तूं विधाता नीं है तूं विधाता बणनैरी खेचळ ना कर , कियां जीवां जीवडा, आंसू एवं ओ लिखारा जैसी शानदार प्रस्तुति से खूब दाद लूटी।

युवा कवि-गीतकार आनंद कुमार पुरोहित ने मून मारे चिरळाटी, असल पिछाण, मत मारो मन नै, थारो चितराम बनाऊं हूं जैसी भावपूर्ण आधुनिक राजस्थानी कविताएं सुनाई एवं धींगाणे एवं भाईडा आवो नी म्हारा गिरधारी, नव सूरज रो नव उजियारो फैलावा राजपूताने में जैसे ओजपूर्ण गीत सुनाकर श्रोताओ को मंत्रमुग्ध कर दिया।
ऊर्जावान कवि मनोज रतन व्यास ने नूवो दिन, बस, चाल्यां राख, कमाणो ई पड़सी, खुद सुं सांमेलो ,
आव बणा पैलां जिसा एवं
प्रीत शीर्षक की दर्शन की आधा दर्जन कविताएं सुनाई।

प्रारंभ में कार्यक्रम प्रभारी साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने स्वागत उद्बोधन करते हुए कहा कि आगमी समय में संस्थान द्वारा अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे, स्वर्णकार ने युवाओं को राजस्थानी भाषा-संस्कृति से जोडऩा एवं निरंतर बनाए रखने को आवश्यक बताया।
व्यंग्यकार-संपादक डॉ.अजय जोशी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।

जागती जोत के सम्पादक डॉ. नमामी शंकर आचार्य ने तीनो कवियों की रचनाओं पर त्वरित टिप्पणी करते हुए कहा कि आज राजस्थानी के युवा रचनाकारों को सुनकर लगा कि अब राजस्थानी काव्यधारा अपने पैर आगे बढा रही है। आने वाला समय संभावनाओं से पूर्ण है।
अतिथियों ने तीनों युवा कवियों को स्मृति चिह्न एवं नगद राशि देकर सम्मान किया तथा बागेश्वरी कला साहित्य संस्थान की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किए गए कार्यक्रम के अंत में शायर अब्दुल शकूर सिसोदिया ने सभी का आभार प्रकट किया।

कार्यक्रम का प्रभावी संचालन वरिष्ठ कवि कैलाश टाक ने किया। कार्यक्रम में रवि पुरोहित, मनीषा आर्य सोनी,डॉ.गौरीशंकर प्रजापत, डॉ.मोतीलाल, डॉ.फारुख चौहान, महेश उपाध्याय, प्रो. डॉ. नरसिंह बिनानी, डॉ मनस्विनी सोनी, डॉ अखिलानंद पाठक,ताराचन्द सोनी, बाबू बमचकरी,भावना सोनी,
ऋवरा देवी, अरुण सोनी सहित अनेक महानुभाव उपस्थित हुए।

More Reading

Post navigation

Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!