राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। राजस्थान में एक बार फिर सियासी बयानबाजी तेज हो गयी है। मामला लाउडस्पीकर को शुरू हुआ जो कि अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। सता पक्ष और विपक्ष के नेता लगातार एक-दूसरे पर बयानबाजी कर रहे है। बीते दिनो जयपुर के हवामहल से विधायक बालमुकुंद आचार्य वकीलों के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। जहां पर आचार्य ने कहा था कि पांच समय बजने वाले लाउडस्पीकर से वो परेशान हो गए है। ऐसे में इसकी आवाजा को नियंत्रित करना चाहिए। आचार्य ने कहा था कि इससे परेशानी हो रही है। जिसके बाद पीसीसी चीफ गोविंद ङ्क्षसह डोटासरा ने इसका पलटवार किया था।
डोटासरा ने कहा था कि यह हमारा दुर्भाग्य है कि ऐसे नमूने विधानसभा में आ गए हैं। उन्हें जनता ने अपनी समस्याओं के लिए चुना है। लेकिन वे हिंदू-मुस्लिम करके नफरत फैलने और केले मंगवाकर खाने का काम कर रहे हैं। वे राजस्थान की विधानसभा के 200 जनप्रतिनिधियों में एक हैं। उनका काम अपने क्षेत्र के युवाओं को रोजगार दिलाना, उनकी समस्याओं का समाधान करना और उनकी आवाज सरकार तक पहुंचाना होना चाहिए। उनके इस बयान के बाद भगवान करे वे सुरक्षित रहें। उनकी सुरक्षा भी बढ़ा देनी चाहिए, क्योंकि जो हरकतें वो कर रहे हैं पता नहीं कब, किसका, क्या दिमाग फिर जाए।
वहीं डोटासरा के बयान पर आचार्य ने तीखी प्रतिक्रिया देत हुए डोटासरा को पेपरलीक माफिया तक कह दिया। आचार्य ने कहा कि पेपरलीक माफिया गोविंद सिंह डोटासरा ने या तो मेरी कहीं सुपारी दे दी है, या उन्होंने किसी को मुझे मारने के लिए उकसाया है। उन्हें कैसे पता कि मेरी जान को खतरा हे। मैं सीधे तौर पर उन पर मेरी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाता हूं।
इस को लेकर डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वो कुछ भी बोलें, लेकिन हम इस तरह से अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करते। हम संस्कार और संस्कृति से रहने वाले लोग हैं।
ऐसे में लाउडस्पीकर से शुरू हुई सियासी बयानबाजी कहा जाकर रूकेगी ये कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी।