राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। पुलिस विभाग से बड़ी खबर सामने आयी है जहां पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों के कामों को लेकर बंटवारा किया गया है। जिलों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों के पांच से सात तक पद हो गए हैं। इसे देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने उनके कामों का बंटवारा कर जिम्मेवारी तय कर दी है। पूर्व में जिलों में एक या दो ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हुआ करते थे। लेकिन, समय के साथ बढ़ती आवश्यकताओं को देखते हुए सरकार ने एएसपी के पदों में लगातार बढ़ोतरी की और अब जिलों में पांच से सात तक एएसपी हो गए हैं। इसे देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने एएसपी के कामों का बंटवारा कर उनकी जिम्मेदारी तय कर दी है।
कौन से एएसपी के पास क्या होंगे काम
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (जिला मुख्यालय)
एसपी की अनुपस्थिति में उनके ऑफिस के अनिवार्य रूटीन काम। संस्थापन शाखा, बल शाखा, विविध शाखा का दायित्व, लेखा शाखा का पर्यवेक्षण एवं डीडीओ कार्य, अन्य विभागों से समन्वय, अपराध शाखा के अधीन याचिकाओं के अतिरिक्त अन्य समस्त याचिकाओं का दायित्व।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जिला या शहर
सामान्य कानून-व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण, थाना-चौकी के कार्यों का पर्यवेक्षण, एसपी ऑफिस की अपराध शाखा व जिला विशेष शाखा, यातायात शाखा, का पर्यवेक्षण।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (जिला मुख्यालय के अतिरिक्त स्थान पर)
थाना-चौकी और वृत्त के कार्यों का पर्यवेक्षण, अपराध नियंत्रण एवं कानून-व्यवस्था का उत्तरदायित्व।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसआईयूसीएडब्ल्यू)
महिला-बच्चों संबंधी समस्त अपराधों के अनुसंधान, एससी-एसटी अपराध, महिला थाने का पर्यवेक्षण। मानव तस्करी विरोधी यूनिट (एएचटीयू) का दायित्व।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (त्वरित अनुसंधान दल)
सनसनीखेज अपराध की जांच, एमओबी-साइबर थाने, मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट का पर्यवेक्षण।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अभय कमांड सेंटर)
पुलिस कंट्रोल रूम के सभी कामों का जिम्मा, जिले में अपराध व कानून-व्यवस्था की घटनाओं की सूचना पीएचक्यू तक पहुंचाना, सीसीटीवी कैमरों का संचालन, डायल 100 व 112 वाहनों का संचालन, एसपी की ओर तय गश्त, नाकाबंदी, स्पेशल टास्क आदि का क्रियान्वयन।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (पुलिस परामर्श केन्द्र)
सभी दस्तावेजों का सत्यापन, विदेशी नागरिक पंजीकरण एवं निगरानी, जिला प्रशिक्षण केन्द्र का पर्यवेक्षण और आरटीआई का जिम्मा।