राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। पश्चिमी राजस्थान में लिग्नाइट के भंडार मिले है। जिसके बाद राजस्थान में बिजली बनाने को लेकर प्रकिया शुरू कर दी गयी है। इन प्लांट के शुरू होने के बाद राजस्थान में बिजली की दरों में भी कमी आएगी। लिग्नाइट से बिजली उत्पादन की एक नहीं अब तीन यूनिट लगेंगी। भारत सरकार की कंपनी नेवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन ने राजस्थान के बीकानेर के गुढ़ा वेस्ट में 125125 मेगावाट की तीन यूनिट लगाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे हर दिन करीब 90 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हो सकेगा। शुरुआती उत्पादन लागत 5 रुपए प्रति यूनिट आने का आकलन किया गया है। बाद में फि?क्स लागत कम होने से उत्पादन दर भी कम होती जाएगी। ऐसे में महंगे कोयले पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। जबकि, पहले राज्य विद्युत उत्पादन निगम और कॉर्पोरेशन के बीच हुए ज्वाइंट वेंचर में एक ही यूनिट लगाना तय था। पावर प्लांट की निर्माण लागत करीब 3 हजार करोड़ रुपए आंकी गई है। ज्वाइंट वेंचर में कॉर्पोरेशन की 74 प्रतिशत और उत्पादन निगम की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
राजस्थान में ही लिग्नाइट की खदान है, इससे करीब 2 हजार रुपए प्रति टन परिवहन लागत बचेगी। जबकि, अभी पावर प्लांट के लिए कोयला छत्तीसगढ़, ओडिशा से मंगाया जा रहा है। इसके लिए मोटी परिवहन लागत वहन करनी पड़ रही है। यही कारण है कि थर्मल पावर प्लांट के अनुपात में लिग्नाइट आधारित प्लांट से बिजली उत्पादन 90 पैसे से एक रुपए प्रति यूनिट सस्ता होगा।
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