राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। राजस्थान लोक सेवा आयोग अब प्रतियोगी परीक्षा में बायोमेट्रिक से वेरिफिकेशन की तैयारियों में जुटा है। हालाकि शुरूआत में यह केवल इंटरव्यु और डॉक्यूमेंट के दौरान लागू होगी। जिसके बाद इसे परीक्षाओं में लागू किया जाएगा। बायोमेट्रिक सिस्टम को अभ्यर्थियों के आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा। दरअसल, हाल ही में एसओजी ने 50 से ज्यादा डमी कैंडिडेट को पकड़ा था। इसके बाद आरपीएससी ने इस पर अंकुश लगाने के लिए ये कदम उठाया है। आयोग का दावा है कि बायोमेट्रिक से डमी कैंडिडेट को आसानी से रोका जा सकता है।
आधार कार्डधारक आइडेंटिटी सत्यापित करने के लिए एक ऑनलाइन बायोमैट्रिक (फिंगर, फेस, आईरिस) वेरिफिकेशन की सुविधा प्रदान करता है। दरअसल, आरपीएससी में आवेदन करने वाले अभ्यर्थी को वन टाइम रजिस्ट्रेशन में अपना आधार नंबर भरना पड़ता है। वहीं से अभ्यर्थी का नाम, पता, जन्म तिथि और अन्य जानकारियां एसएसओ के रिकॉर्ड में आ जाती हैं। अब जब भी आवेदन करने वाला अभ्यर्थी एग्जाम सेंटर पर पहुंचेगा।
उसे बायोमेट्रिक मशीन पर थंब इंप्रेशन स्कैन करना होगा। इसके बाद ही एंट्री दी जाएगी। इस प्रोसेस के दौरान जैसे ही कैंडिडेट अपनी फिंगर स्कैन के लिए बायोमेट्रिक मशीन पर रखेगा, उसके 12 नंबर के आधार कार्ड के साथ उससे जुड़ी सभी जानकारी आ जाएगी। अगर कोई डमी कैंडिडेट किसी और की जगह एग्जाम देने पहुंचेगा तो अपने आप ही पकड़ा जाएगा। क्योंकि फिंगर प्रिंट मैच नहीं होंगे।
सरकारी की अनुमति के बाद अब कार्मिक विभाग की ओर से नोटिफिकेशन जारी कराने की कवायद शुरू कर दी है। कार्मिक विभाग का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद इस व्यवस्था को पूर्ण रूप से लागू कर दिया जाएगा। ट्रायल के तौर पर यह व्यवस्था अभी इंटरव्य और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान लागू होगी।
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