राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। फर्जी वसीयत बनाने के मामले में न्यायालय ने आरोपित को दोषी माना है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या एक ने 15 साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में आरोपी को सात साल के कारावास और 6 लाख रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
परिवादी केदार ने वर्ष, 09 में कोतवाली पुलिस थाने में रिपोर्ट दी थी कि उसके दादा रामचन्द्र के नाम से आरोपी जेठमल व अन्य ने फर्जी वसीयत बना ली। फर्जी रिलीज डीड बनाकर परिवादी की जायदाद दो मार्च, 09 को मो. उमर, मो. हारून को बेच दी। जबकि, रामचन्द्र ने ना तो कोई वसीयतनामा बनाया और ना ही हस्ताक्षर किए थे। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद आरोपी जेठमल को सात साल का कारावास और 6 लाख रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।
अर्थदंड की राशि जमा नहीं कराने पर आरोपी को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। राशि जमा करवाने पर 5.90 लाख रुपए प्रतिकर के परिवादी को दिए जाएंगे और शेष 10000 रुपए राजकोष में जमा होंगे। कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाहों के बयान हुए। परिवादी की ओर से पैरवी द्वारकाप्रसाद ने की।
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