मुख्य न्यायधीश की कार्यप्रणाली को लेकर वकीलों ने लिखा शिकायती पत्र

समारोह का किया बहिष्कार,हजारों जमानत याचिकाएं पेंडिग़
राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश की कार्यप्रणाली को लेकर विवाद हो गया। इसको लेकर जयपुर हाईकोर्ट के वकीलों ने सवाल खड़े करते हुए राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को शिकायती पत्र लिखा है।
वकीलों ने दीपावली के स्नेह मिलन समारोह का बहिष्कार कर दिया है।
हाईकोर्ट के वकीलों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 अप्रैल 2023 को डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन देहरादून वर्सेज ईश्वर शांडिल्य केस में निर्णय देते हुए कहा था कि वकीलों की समस्याओं के समाधान के लिए हाईकोर्ट स्तर पर एक ग्रिवेन्सेस रिडर्सल कमेटी (शिकायत निवारण समिति) का गठन किया जाएगा।
इस कमेटी में मुख्य न्यायाधीश, हाईकोर्ट के दो सीनियर न्यायाधीश, बार काउंसिल चेयरमैन, बार अध्यक्ष और महाधिवक्ता होंगे। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 16 जनवरी 2024 को कमेटी का गठन कर दिया। लेकिन आज तक इस कमेटी की एक भी बैठक नहीं हुई। जबकि हाईकोर्ट बार अपनी अलग-अलग समस्याओं को लेकर मुख्य न्यायाधीश को 9 रिप्रेजेंटेशन दे चुकी हैं। आज तक हमारी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया गया।

वकीलों की मांग
शिकायत निवारण समिति की नियमित बैठकें की जाए।
हाईकोर्ट की रोस्टर प्रणाली में सुधार किया जाए।
कॉजलिस्ट को रेगुलेट करें, अर्जेंट नेचर के केसेज को प्राथमिकता दे, इसमें बार के सुझाव शामिल करेंष
फिटिकल और वीसी के जरिए हाईकोर्ट हाइब्रिड मोड में चले।
वीसी के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलप करें, अभी अधिकांश अदालतों में सुविधा नहीं है।
जहां वीसी की सुविधा है, वहां कनेक्टिविटी इश्यू को दुरस्त किया जाए।
जमानत याचिकाओं के लिए स्पेशल बैंच गठित करने की मांग।

हाई कोर्ट बार के अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने कहा कि हाई कोर्ट में इस समय करीब 3 हज़ार से ज्यादा जमानत याचिकाएं पैंडिग है। आरोपी जेलों में बंद है। हमने मुख्य न्यायाधीश से मांग की थी कि दीपावली की छुट्टियों के कारण करीब 9 दिन सुनवाई बंद रहेगी। ऐसे में जमानत याचिकाओं के लिए स्पेशल बैंच का गठन किया जाए। लेकिन उन्होने हमारी मांग को नकार दिया।

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