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10 का सिक्का डालों और थैला आएगा बाहर,इन जगहों पर शुरू हुई थैला बैंक

राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने अपने दूसरे बजट में शहर में सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकने के लिए थैला बैंक बनाने की घोषणा की थी। महापौर के सार्थक प्रयास आखिरकार रंग लाए हैं, नगर निगम बीकानेर और रोटरी क्लब आद्या ने मिलकर शहर में थैला बैंक(ऑटोमैटिक क्लॉथ बैग वेंडिंग मशीन) स्थापना की है।

 

इन मशीनों में 10 रुपए का सिक्का डालने पर कपड़े का थैला ऑटोमैटिक रूप से निकलता है, इन मशीनों को 24 घंटे ऑन रखा जाएगा। शहर में फिलहाल 2 स्थानों पर ये मशीनें लगाई गईं है। कोटगेट सब्जी मंडी के पास सार्दुल स्कूल के आगे पहली मशीन की स्थापना की गई तथा दूसरी मशीन गंगाशहर मुख्य बाजार में राजकीय अस्पताल के आगे स्थापित की गई है।

आज महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित और संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी ने दोनों मशीनों का विधिवत शुभारंभ किया। अनावरण के दौरान मेयर राजपुरोहित तथा संभागीय आयुक्त ने आमजन को मशीन को इस्तेमाल और उपयोगिता के संबंध में जानकारी भी दी। इस दौरान आमजन को 10 रुपए के सिक्के से थैला निकलवाकर दिखाया।

महापौर ने कहा कि यह सबसे सार्थक कदम है सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकने का क्योंकि जब तक प्लास्टिक का सब्स्टीट्यूट आसानी और उपलब्धता सुनिश्चित न हो प्लास्टिक को रोकना कठिन है, यह मशीनें बहुत ही सरल है आपको सिर्फ 10 रुपए का सिक्का डालना है और कपड़े का थैला आपको उपलब्ध होगा। अभी 2 प्रमुख स्थान सब्जी मंडी जहां बहुतायत में प्लास्टिक का उपयोग होता है, वहां इन मशीनों की स्थापना की गई है। इसके साथ हम अभियान के रूप में सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकेंगे भी ताकि आमजन इन मशीनों का उपयोग करे। इसके साथ मैं रोटरी क्लब आद्या और विशेष रूप से प्रियंका बैद की की आभारी हूं कि आपने शहर की इस बड़ी समस्या के समाधान का संकल्प लिया और नगर निगम के साथ आज यह संकल्प सार्थक हुआ।
रोटरी क्लब आद्या की अध्यक्ष प्रियंका बैड ने कहा कि हम अब तक 2 मशीनें हमने शुरू कर दी है, तीसरी मशीन हम आने वाले 2 दिन में मुख्य बाजार में स्थापित करेंगे , अगर जनता का फीडबैक इन थैला बैंक के लिए सकारात्मक रहता हैं तो हम और भी मशीनें स्थापित करेंगे। इस पूरी प्रक्रिया में नगर निगम और रोटरी क्लब के सभी सदस्यों ने अपने सकारात्मक सहयोग किए, जिससे यह काम हम कर पाएं। आगे भी हमारा प्रयास रहेगा कि जनसहभागिता और जन सरोकार के अधिक से अधिक कार्य कर सकें।