राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। अगर कड़ाके की ठंड में बिना वर्कआउट भी पसीना आ रहा है तो संभलने की जरूरत है, क्योंकि ये खतरनाक हो सकता है। इसे कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए। क्योंकि ये कई गंभीर बीमारियों के संकेत हो सकते हैं। पसीना आने के एक नहीं कई कारण हो सकते हैं। गर्मी में पसीना आना नॉर्मल होता है लेकिन ठंड में ऐसा होना ठीक नहीं है। आइए जानते हैं सर्दियों में पसीना आना कौन-कौन सी बीमारियों के लक्षण हो सकते हैं।
हाइपरहाइड्रोसिस
इस बीमारी में किसी भी मौसम में ज्यादा पसीना निकलता है लेकिन सर्दियों में चेहरे, हथेलियों और तलवों से बहुत ज्यादा पसीना आता है, तो यह हाइपरहाइड्रोसिस के संकेत हो सकते हैं। पसीना आने से बॉडी का टेंपरेचर कंट्रोल में रहता है लेकिन इस बीमारी में तापमान कम होने पर भी हथेलियों-तलवों से तेज पसीना निकलता है।
लो ब्लड प्रेशर
सर्दी में पसीना आना लो ब्लड प्रेशर के भी लक्षण हो सकते हैं। इससे हार्ट अटैक का खतरा रहता है। सर्दियों में लो ब्लड प्रेशर की वजह से दिल तक खून पहुंचाने वाली धमनियों में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा हो जाती है और वह बंद होने लगती है। इससे पसीना निकलता है और हार्ट बीट बढ़ जाती है। ऐसे में डॉक्टर से मिलना चाहिए।
लो शुगर लेवल
सर्दियों में पसीना आने की वजह शरीर में शुगर लेवल की कमी होना भी है। इंसान का नॉर्मल शुगर लेवल खाली पेट 1 डेसीलीटर ब्लड में करीब 70-100 मिलीग्राम तक होना चाहिए लेकिन इससे कम होने पर पसीना आने लगते हैं, जो शरीर में शुगर कम होने के लक्षण होता है। ये कंडीशन शुगर के मरीज के लिए खतरनाक हो सकती है।
मेनोपॉज
अगर 50 साल की महिलाओं को सर्दियों में पसीना आ रहा है तो ये मेनोपॉज के लक्षण भी हो सकते हैं। इसकी शुरुआत में हार्मोनल एक्टिविटीज के चलते बहुत ज्यादा पसीना आता है। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
मोटापा
मोटापा की वजह से सर्दियों में पसीना आ सकता है। शरीर में ज्यादा कोलेस्ट्रॉल की वजह भी इसका एक कारण हो सकता है। ऐसे में ठंड में पसीना निकलने पर सावधान हो जाना चाहिए। तुरंत जाकर डॉक्टर से मिलना चाहिए।