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बीकानेर के इस मंदिर में हुमायूं ने ली थी शरण,आज भी सुरज की किरणें सीधें पहुंचती है शिवलिंग पर,देखें वीडियो

सावण के पहले सोमवार पर विशेष दर्शन
नाथ संप्रदाय का बड़ा स्थल रहा है कसौटी नाथ महादेव
राजा गजसिंह ने करवाया था मंदिर का जीर्णोद्धार
राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। आज सावण माह का प्रथम सोमवार है। देशभर के शिवालयों में भक्त देवों के देव महादेव की पूजा अर्चना पुरे विधि-विधान से कर रहे है। बीकानेर में भी महादेव के प्रति आस्था का सैलाब नजर आ रहा है। अलसुबह से ही शिवालयों में भक्तों की लंबी कतार देखने को मिल रही है। जहां पर बाबा भोलेनाथ का दूध,बिल पत्र,दही,पंचामृत सहित अनेक सामान के साथ मंत्रोच्चार के साथ पूजा हो रही है।

आज हम आपको बीकानेर के ऐसे शिवालय के दर्शन करवा रहे है। जो कि सैकड़ों वर्ष पुराना है और बताया जाता है कि इस मंदिर में हुमायूं ने शरण ली थी। शहर के अंदरूनी क्षेत्र में नाथ सागर पर स्थिति कसौटीनाथ महादेव मंदिर जो कि सैकड़ों वर्ष पुराना है। यहां पर मौजूद पंडि़त ने बताया कि यह मंदिर कई सौ साल पुराना है और इस मंदिर में हुमायूं ने शरण ली थी। पंडि़त मनोज कुमार सेवग ने बताया कि यह मंदिर नाथों के लिए पूजनीय है और नाथ संप्रदाय का बड़ा स्थल रहा है। इसलिए जगह को नाथ सागर कहा जाता है। पंडि़त मनोज कुमार ने बताया कि जब हुमायूं शेरसा शूरी से पराजित हुआ तो कुछ समय इस मंदिर में शरण ली थी और फिर गुप्त रास्तों से चला गया था।

 

पंडि़त जी ने बताया कि कसौटीनाथ मंदिर के ऊपर गजपतेश्वर महादेव है जो कि खुले में है और 1745 में राजा गज ङ्क्षसह ने इसका जीर्णोद्धार करवाया। जिसके बाद उसका नाम गजपतेश्वर महादेव हो गया। पंडि़त जी ने बताया कि मंदिर के अंदर कसौटी के पत्थर लगे हुए। जिसके चलते मंदिर का नाम कसौटीनाथ है। महादेव जी की विशेषता है कि धर्म,आस्था के साथ आना वाला इंसान ही इस मंदिर में नियमित रूप से आ सकता है अन्यथा महादेव उसे अपने पास नहीं बुलाते है।

 

पंडि़त जी ने बताया कि इस मंदिर प्रांगण में चार मंदिर है। कसौटी नाथ महादेव के मंदिर में महिलाओं के लिए प्रवेश वर्जित है लेकिन इसके साथ ही एक और अन्य महादेव जी का मंदिर बना हुआ। जहां पर महिलाएं,युवतियां पूजा पाठ कर सकती है।

पंडि़त जी ने बताया कि मंदिर जमीन से 30 फीट की ऊंचाई पर इसलिए बनाया गया है कि पहले लोग भगवान को ऊपर रखते थे। मंदिर को इस रूप में बनाया गया है कि आज भी सुरज की किरणें सीधे शिवलिंग पर आती है। श्रावण माह में यहां पर अभिषेक के लिए पहले बुकिंग करवानी पड़ती है। महादेव का यह मंदिर शहरी क्षेत्र में है। जो कि बेणीसर बारी के बाहर स्थित है और यहां पर हर रोज सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते है।