राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। इन दिनों बीकानेर सहित पश्चिमी राजस्थान में मेलों की धूम है। बाबा रामदेव के रूणिचा धाम में पंजाब,हरियाणा,राजस्थान और गुजरात सहित अनेक राज्यों से भक्त पैदल और अन्य साधनों से जा रहे हैं। बीकानेर से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने वाहनों से,पैदल और सेवादा के रूप में जा रहे है। बीकानेर से रामदेवरा तक सड़कों पर भक्त ही नजर आ रहे है। भक्तभ्भी अलग-अलग हे। अनूठे रूप में है।
कोई बिना चप्पल के जा रहा है तो कोई हाथों में बड़ी ध्वजा के साथ जा रहा है। एक तरफ जहां करीब 200 किलोमीटर पैदल जाना भी मुश्किल सा है तो दूसरी तरफ बाबे के भक्त करीब 50 फीट की ध्वजा हाथ में लिए बाबे के जा रहे है। जिनके साथ बाकयदा पुरी टीम चलती है जो कि ध्वजा की हर समय देखभाल करती है। ध्वजा कहीं नीचे ना टकराये,कहीं नीचे रखी नहीं जाए और तो और झुठे हाथ तक ध्वजा को ना लग पाएं। ऐसी व्यवस्था भक्तों द्वारा रखी जा रही है।
वहीं बीकानेर से एक कपड़े और अन्य सामान से घोड़ा बनाया गया है जो कि रामदेवरा ले जाया जा रहा है। जो कि करीब 7 फीट का है। जिसको भक्त लेकर वाना हुए है। वहीं श्रीडूंगरगढ़ के दो भक्त कैदी के रूप में बाबे के जा रहे हैं। कैदी जो हाथों में हथकड़ी लगाए हुए है और साथ में एक व्यक्ति पुलिसकर्मी के रूप में है। हाथों में हथकड़ी लगाए हुए ही ले जा रहा है।
कैदी नंबर 107 और 108 है और बीकानेर पहुंचने पर स्वागत किया गया। कैदी लगातार जय बाबे री के साथ आगे बढ़ रहे है। जिनको देखने और फोटो खिंचवाने के लिए हुजूम उमड़ रहा है। जस्सुसर गेट रोड़ पर स्टायलोएक्स शोरूम के आगे विक्रम अरोड़ा,शेखर अरोड़,महेश अरोड़ सहित अनेक लोगों द्वारा स्वागत किया गया।