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डिजीटल अरेस्ट जैसे अपराध को लेकर के लिए एक्शन,ये नम्बर होंगे बंद,सरकार ने की तैयारी

राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। दूरसंचार विभाग ने हाल ही में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों जैसे म्यांमार, लाओस, कंबोडिया और वियतनाम से आने वाली धोखाधड़ी वाली अंतरराष्ट्रीय कॉल और साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है। डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने के उद्देश्य से, दूरसंचार विभाग ने इन देशों में लगभग 4.8 लाख फर्जी मोबाइल कनेक्शनों की पहचान की है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तुरंत कार्रवाई करते हुए विभाग ने अब तक 2 लाख ऐसे कनेक्शनों को बंद कर दिया है साथ ही बचे 2.8 लाख नंबरों के खिलाफ कार्रवाई जारी है।द मोबाइल कनेक्शनों के अलावा, दूरसंचार ने इन धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल 6,200 मोबाइल हैंडसेट्स की भी पहचान की है और उनके दुरुपयोग को रोकने के लिए उन्हें पूरे भारत में ब्लॉक कर दिया है। यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल रोकथाम प्रणाली की शुरुआत के बाद हुई है, जो भारत के डिजिटल और वित्तीय ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ष्ठशञ्ज के सक्रिय कदमों को दर्शाती है।

बता दें कि, पिछले कुछ महीनों में डिजिटल अरेस्ट के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। इसके कारण कई करोड़ों रुपये का नुकसान भी हुआ है। ऐसे में गृह मंत्रालय की साइबर फ्रॉड कोओर्डिनेशन सेंटर ने साइबर क्राइम पोर्टल पर डिजिटल अरेस्ट की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए कार्यवाई करने का निर्देश जारी किया है। शिकायत मिलने पर आईफॉरसी ने मेटा के चर्चित प्लेटफॉर्म व्हाट्सअप को ऐसे अकाउंट्स पर कार्यवाई करने का निर्देश दिया है।

आपको बता दें कि इस कार्यवाई की वजह डिजिटल अरैस्ट है जो पिछले दिनों में काफी तेजी से बढ़ा है लेकिन आखिर ये डिजिटल अरैस्ट होता क्या है। दरअसल, यह एक साइबर फ्रॉड का नया तरीका है। इस फ्रॉड में स्कैमर्स सीबीआई,ईडी, इनकम टैक्स ऑफिसर के अधिकारी बनकर लोगों को डरा कर उनसे पैसा वसूलते हैं। इस फ्रॉड को करने के लिए ठग सोशल इंजीनियरिंग की मदद लेते हैं। इससे लोगों को यकीन हो जाता है कि ठग सही में कोई आधिकारी है। ऐसे में लोग डर जाते हैं और वह उन ठगों को जाल में फंस जाते है।