राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। होली के पावन पर्व के कार्यक्रम जारी है। कई दशकों से नगर बीकाणा अपनी परंपराओं का निर्वहन कर रहा है। हर वर्ष के भांति इस वर्ष भी होली के कार्यक्रम में जोश,उत्साह अपने चरम पर है। बीती रात को बिस्सों के चौक में आशापुरा नाट्य एवं कला संस्थान के तत्वावधान में देवी आशापुरा माता के बाल स्वरूप के रमणसा उस्ताद के अखाड़े में अवतरण हुआ। माता के अवतरण के साथ ही मोहल्ले में माता के जयकारे लगे। मां आशापुरा के मंच पर पहुंचने से पूर्व ही बिस्सों का चौक श्रद्धालुओं से भर गया।
भक्तों ने मां की स्तुति कर प्रसाद चढ़ाया। इसके बाद रात दो बजे के आसपास रम्मत शुरू हुई।रम्मत के इस लोक नाट््य में भाभी के ताने देवर हकूमत आपकी हम पर सही न जाए, देते सो दीजौ मती मुझे नहीं परवाह…, आपकी खिदमदगारी करेगी ब्याही नारी, जो तन्खा तुमरी पावे, अष्ट पहर, हर घड़ी पेशवाही में वोही आवे। पंजाब के सियालकोट के राजा फूलसिंह भाभी का ताना सुनकर घर से निकल जाता है। भाभी अपने पति भूपसिंह से कहती है कि अपने भाई को मनावों, वे तो मजाक में ही घर से निकल गए। भाई के मनाने पर भी नहीं मानता। वह अपने भाई से कहता है कि … उस नौटंकी के बिना, बचे ना मेरी जान, छोड़ा अपने वतन को आयो गढ़ मुलतान…।
वह मुलतान पहुंचकर वहां की शहजादी के रूप सौन्दर्य पर आकर्षित हो जाता है तथा मालिन को दोस्त बनाकर उसका स्वरूप धारण कर शहजादी नौटंकी के महल पहुंच जाता है।इस दौरान आशापुरा माताजी की पूजा वैदिक मंत्रोच्चारण से योगेश कुमार बिस्सा ने करवाई।
देवी माँ के दर्शन के लिए बीकानेर के हर कोने से श्रद्धालु पहुंचे। जिसके चलते रात को करीब 11 बजे के आसपास की ही चौक खचाखच भर गया वहीं आसपास के चौक में भी गािडय़ों की लंबी कतारे देखी गयी। इस दौरान लगातार देवी माँ के जयकारे लगते रहें।
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