गोचर को बचाने के लिए बड़े आंदोलन की राह पर पर्यावरण प्रेमी,पढ़ें खबर-Bikaner News 

गोचर को बचाने के लिए बड़े आंदोलन की राह पर पर्यावरण प्रेमी,पढ़ें खबर-Bikaner News 

Bikaner News बीकानेर की सांसे छीन रहा है बीकानेर विकास प्राधिकरण
राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। गोचर ओरण संरक्षक संघ राजस्थान से जुड़ी गोचर संरक्षण समितियां ने आज बीकानेर विकास प्राधिकरण को गोचर के अधिग्रहण पर आपत्तियां दर्ज करवाई। इस अवसर पर संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिव गहलोत ने कहा कि वर्तमान में बीकानेर महानगर के नगर विकास न्यास को क्रमोन्नत कर बीकानेर विकास प्राधिकरण बना दिया गया है। और इस प्राधिकरण के लिए बीकानेर के आसपास 35 किलोमीटर के क्षेत्र के ग्रामो को इसमें लिया गया है। इस कारण से अब बीकानेर महानगर की परिधि बीकानेर के आसपास 35 किलोमीटर तक हो गई है।

 

आम जन के अनुसार यह बीकानेर के विकास का मॉडल है। और विकास के लिए यह होना भी चाहिए, इसमें हम सभी सहमत हैं। परंतु इस बीकानेर के विकास में, बीकानेर के स्वास्थ्य, बीकानेर का पर्यावरण, बीकानेर का वातावरण, बीकानेर में पल रहे जीव जंतु, बीकानेर में संरक्षण पा रहे गोवंश और बीकानेर का ईकोसिस्टम, बीकानेर की जैव विविधता, इन सबको भी यह विकास प्राधिकरण लिल जाएगा।
गहलोत ने कहा कि जिला कलेक्टर का अडियल रवैया गोचर संरक्षण के लिए हानिकारक है, जिला कलेक्टर गोचर समितियां की आपत्ति सुनने के लिए तैयार नहीं है, यह सरासर सामाजिक न्याय के खिलाफ है।

 

गोचर ओरण संरक्षण संघ के प्रदेश कार्य समिति के सदस्य मनोज सेवक ने बताया कि एक मास्टर प्लान बीकानेर विकास प्राधिकरण ने जारी किया है, इस मास्टर प्लान में बीकानेर क्षेत्र की समस्त गोचर ओरण को आवासीय, व्यापारिक, औद्योगिक क्षेत्र में बदला जाएगा। इससे तो यह लगता है कि यह बीकानेर का विकास प्राधिकरण नहीं है, अपितु बीकानेर विनाश प्राधिकरण है, जो बीकानेर के लोगों की सांस छीनना चाहता है। बीकानेर का जैव विविधता का क्षेत्र छिनना चाहता है, इस प्राधिकरण ने बीकानेर के आसपास के ग्रामों को अपने क्षेत्र में सम्मिलित करके, उस क्षेत्र की भी गोचर, ओरण, जोहड़, पायतान आदि समस्त भूमियों पर एकाधिकार प्राप्त कर लिया है। अब वहां का गोवंश, उस क्षेत्र का जैव विविधता,उस क्षेत्र के जंगली जानवर, अब बीकानेर विनाश प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में आ चुके हैं। इससे भविष्य में बीकानेर के आसपास का कोई भी गोचर, ओरण जोहड़, पायतान, वन भूमि नहीं बच पाएगी। वह सभी कंक्रीट के जंगल बन जाएंगे।

 

शहर नत्थानियान गोचर के सूरज प्रकाश राव ने कहा कि ऐसा कंक्रीट का जंगल, जहां पर सांस लेना भी दुष्कर हो, ऐसा कंक्रीट का जंगल जहां जीव मात्र के लिए कोई स्थान ना हो, ऐसा कंक्रीट का जंगल जहां गौ माता के लिए स्थान ना हो, क्या हम सभी इसके पक्ष में है। यदि नहीं तो मेरा आप सबसे निवेदन रहेगा हम सब जिला कलेक्टर बीकानेर, आयुक्त नगर विकास प्राधिकरण बीकानेर, मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार और यूडीएच मंत्री राजस्थान सरकार को पत्र प्रेषित करें। हम सब पत्र के माध्यम से इस बीकानेर विकास प्राधिकरण के द्वारा अधिकृत की गई गोचर, ओरण, जोहड़, पायतान भूमियों के विषय में विरोध दर्ज करवाएंगे और यदि प्राधिकरण फिर भी नहीं मानता है, तो एक जन आंदोलन किया जाएगा, उसमें आप सभी का सहयोग अति आवश्यक है।

 

गंगाशहर गोचर के सचिव कैलाश सोलंकी ने बताया कि इस बीकानेर विकास प्राधिकरण की हठ धर्मिता बीकानेर के हर नागरिक को विरोध दर्ज करवाना है, हमारा प्रयास रहे कि हम सभी अपने-अपने परिवार के सदस्यों के द्वारा एक पत्र मुख्यमंत्री, युडीएच मंत्री, जिला कलेक्टर, आयुक्त बीकानेर विकास प्राधिकरण को अपने नाम और हस्ताक्षर मय मोबाइल नंबर सहित प्रेषित करें।

 

गोचर ओरण संरक्षण संघ के संगठन महामंत्री सूरजमाल सिंह नीमराना ने बताया कि हमारा यह अभियान आज 8 सितंबर 2025 को प्रात: 12:30 बजे बीकानेर की तीनों बड़ी गोचर के पदाधिकारी के द्वारा बीकानेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त को आपत्ति दर्ज करवा कर प्रारंभ किया गया है। उसके बाद बीकानेर तहसीलों से वह बीकानेर के 185 ग्राम पंचायत से आपत्ति दर्ज करवाई जाएगी, क्योंकि जिन 185 गांव को बीकानेर विकास प्राधिकरण ने अपने परिधि में लिया है। उन सभी गांवों में गोचर, ओरण, जोहड़, पायतान आदि की लगभग 1.25 लाख बीघा जैव विविधता की भूमि है, गोवंश की भूमि है, वह भी अब बीकानेर विकास प्राधिकरण के विनाश में सम्मिलित हो चुकी है। इसलिए उनके द्वारा भी आपत्ति दर्ज करवाई जाएगी, उसके बाद बड़े आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।

 

आज की बैठक में भीनासर गोचर के संचालक बंशीलाल तंवर, एडवोकेट शिव गहलोत, मनोज कुमार सेवक, प्रेम सिंह घूमन्दा, कनकमाल चोपड़ा, पार्षद अनूप गहलोत, सुनील व्यास, भंवर सिंह, चांदवीर सिंह,मोहीत राव, आदि ने भाग लिया

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