राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। हरियाणा में चुनाव से पहले ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल गयी है। शुक्रवार शाम को केजरीवाल को रिहा कर दिया गया। जिसके बाद अब केजरीवाल की निगाहें हरियाणा विधानसभा चुनाव पर है। हरियाणा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का काम 12 सितंबर को खत्म हो गया। राज्य की 90 विधानसभा सीटों पर कुल 1715 उम्मीदवारों ने नॉमिनेशन फाइल किए हैं। अब 16 सितंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। राज्य में 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 8 अक्टूबर को रिजल्ट आएगा। हरियाणा के इतिहास में पहली बार 5 प्रमुख पार्टियां चुनाव लड़ रही हैं। इनमें कांग्रेस और भाजपा के अलावा इंडियन नेशनल लोकदल, जननायक जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी शामिल हैं। इनमें से आईएनएलडी का बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन है वहीं जेजेपी ने आजाद समाज पार्टी से गठजोड़ किया है।
केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी की पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर कई दौर की वार्ताएं और बैठके हुए लेकिन बात नहीं बन पायी। जिसके बाद आप ने हरियाणा में अपने उम्मीदवार उतार दिए।
अब केजरीवाल के बाहर आने के बाद आप समर्थकों में एक अलग ही उत्साह देखा जा रहा है। आने वाले दिनों में केजरीवाल प्रचार करने जाएंगे तेा निश्चित ही उसका फायदा वोटों के रूप में आप को होगा लेकिन इसका नुकसान किसको होगा ये चर्चाएं शुरू हो चुकी है। केजरीवाल की एंट्री से कांग्रेस को धक्का लगा है। माना जा रहा है कि चुनावों में आप के उत्साह से अधिकतम नुकसान कांग्रेस को होगा वहीं कुछ सीटों पर भाजपा के समीकरण भी आम आदमी पार्टी बिगाड़ सकती है। भाजपा को जेजेपी के कारण नुकसान होने की संभावनाएं है साथ ही दोनो कांग्रेस-भाजपा के लिए बागी भी मुसीबत बन सकते हैं। बीएसपी-चन्द्रशेखर रावण के पास यहां खोने को कुछ नहीं है। ऐसे में उनके उम्मीदवारों को मिलने वाले वोटों को कांग्रेस का नुकसान माना जा रहा है।