राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। आयुर्वेद में कई ऐसे साधारण पेड़-पौधों का जिक्र किया गया है जिनके पत्ते, फूल, टहनी और छाल आदि का इस्तेमाल कई दवाओं के निर्माण में किया जाता है। वहीं इन पेड़-पौधे से कई जटिल बीमारियों का उपचार भी किया जाता है। ऐसा ही एक नाजुक पौधा है छुई-मुई का जो ग्रामीण इलाकों में आपको कहीं भी आसानी से मिल जाएगा। इसे लाजवंती के नाम से भी जाना जाता है। लाजवंती के पौधे की बड़ी खासियत यह है कि इसकी पत्तियों को छूने पर यह सिकुड़ जाती है और जब हाथ हटा लेते हैं, तो यह पूर्व की अवस्था में आ जाती हैं। लाजवंती के फूल गुलाबी रंग के होते हैं। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
लाजवंती के पौधे से पेट संबंधी समस्याओं का समाधान भी किया जाता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। यह पेट में हानिकारक कीड़ों और बैक्टीरिया को खत्म कर देता है। गांवों में लोग लाजवंती की पत्तियों को पीसकर इसे शहद के साथ खाते हैं जिससे पेट संबंधी कई तरह की समस्याओं का इलाज हो जाता है। लाजवंती के सेवन से पाचन तंत्र को भी फायदा होता है। यह पौधा पेट की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है, जिससे पाचन सही रहता है और शुगर का स्तर संतुलित रहता है। लाजवंती की पत्तियां और जड़ें डायबिटीज के मरीजों के लिए दवा के समान है। लाजवंती की जड़ों के चूर्ण के सेवन से शुगर कंट्रोल में रहता है।
छुईमुई के पत्तों में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन और दर्द को कम करने में प्रभावी होते हैं। इससे चोट, मोच, और गठिया में लगाने से राहत मिलती है। इसके लिए लाजवंती के पत्तों को अच्छे से धोकर साफ कर लें और पेस्ट बनाकर प्रभावित जगह पर लगाना चाहिए।
कैसे करें उपयोग?
लाजवंती का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है। छुई मुई के पत्तों को उबाल कर आप इसकी चाय पी सकते हैं। छुई मुई के पत्तों को पीसकर उसका रस सुबह के समय पीना भी लाभदायक माना जाता है। इससे शुगर कंट्रोल होने में मदद मिलती है। छुई मुई के सूखे पत्तों को पीसकर पाउडर बना लें। इसको सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें।
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