बीकानेर के होनहार ने किया कमाल-आरएएस टॉप-10 में शामिल हुए विकास,पिता ट्रक ड्राइवर और बेटे ने रच दिया इतिहास,पढ़ें खबर

राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। कल आरएएस मुख्य परीक्षा 2023 का परिणाम जारी हो गया। करीब एक हजार पदों के लिए हुई भर्ती में बीकानेर के होनहार ने टॉप-10 में जगह बनाई। जिसके बाद से होनहार विकास के घर बधाई देने वालों का तांता लग गयी। बीकानेर के कोलायत के रहने वाले विकास सियाग ने 10वीं रैंक हासिल की है। विकास के पिता ट्रक ड्राइवर हैं और मां गृहिणी हैं। विकास ने दूसरे प्रयास में सेकंड अटेमट में यह क्लियर किया है।

 

विकास से इंटरव्यू में जियो पॉलिटिक्स को लेकर भी सवाल किए थे। इंटरव्यू में विकास से रूस-यूक्रेन के डिस्प्यूट के बारे में भी पूछा गया।
विकास सियाग रणजीतपुरा स्थित गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम कर रहे हैं। विकास ने बताया कि यह मेरा दूसरा अटेम्ट था। इससे पहले 2021 में आरएएस एग्जाम दिया था। प्री क्लियर हुआ, लेकिन मेंस क्लियर नहीं हो पाया। इसके बाद पूरी ताकत लगाकर 2023 का एग्जाम दिया। इस बार पूरा विश्वास था कि प्री और मेंस दोनों क्लियर होंगे। दोनों क्लियर होने के बाद सीधे इंटरव्यू की तैयारी में जुट गया था। आज उसी मेहनत का परिणाम सामने आया है।

 

विकास ने बताया कि मुझसे इंटरव्यू में वर्तमान कनिष्ठ सहायक की जॉब से जुड़े सवाल पूछे गए। साथ ही आम आदमी के आसपास के वातावरण से जुड़े सवाल किए गए। ये भी पूछा गया कि जियो पॉलिटिक्स क्या है
कोलायत में रहने और रणजीतपुरा में जॉब करने की जानकारी दी तो ये भी पूछ लिया कि एलओसी क्या होती है लाइन ऑफ कंट्रोल कैसे बनी और किस तरह से दो देशों के बीच विभाजन करती है।
वर्तमान में आम आदमी सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ है, लेकिन प्रशासन को सोशल मीडिया का उपयोग कैसे करना चाहिए विकास से ये भी पूछा गया कि वह एजुकेशन डिपार्टमेंट में काम करते हैं, लेकिन इस डिपार्टमेंट की ऑफिशियल वेबसाइट्स कौन-सी है इनमें क्या दिक्कत आती है अवसर मिला तो वह इन दिक्कतों को कैसे दुरुस्त करेंगे

 

विकास के पिता नत्थूराम सियाग ट्रक ड्राइवर हैं। उनकी बीकानेर के कोलायत जमीन भी है, जहां उनके पिता खेती भी करते हैं। वहीं मां पप्पू देवी गृहिणी हैं।
विकास की मां कहती हैं- 10वीं रैंक लेकर आया है। भगवान ने कृपा रखी। भगवान पर विश्वास बनाए रखा। पढ़ाई भी की है, हमें बहुत खुशी है। विकास का मानना है कि उनके माता-पिता की मेहनत के कारण वह यहां तक पहुंच पाया है। ये सफलता उन्हीं को समर्पित है।

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