86 दिनों में बीकानेर की बेटियोंं ने बाइक पर की 27 हजार किलोमीटर की यात्रा,बीकानेर पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत

राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। बीकानेर की दो बेटिया आज हजारों किलोमीटर की यात्रा पर बाइक पर पुरी कर बीकानेर पहुंची। जहां पर बीकानेर के प्रबुद्धजनों ने दोनो युवतियां का स्वागत किया। 86 दिनों की यात्रा में बीकानेर की अंजना राठौड़ शिक्षक जयपुर और निर्मला गोदारा पीएनबी अधिकारी ने करीब 27235 किलोमीटर की यात्रा की। आज ऑल इंडिया राइड की यात्रा पूर्ण कर बीकानेर लौटने पर कैप्टन चन्द्र चौधरी सर्किल पर दोनो का भव्य स्वागत किया गया।

बता दे कि अंजना और निर्मला ने महिला सशक्तिकरण,स्क्रीनिग टाइम को कम करने के उद्देश्य से 17 सितम्बर को कैप्टन चन्द्र चौधरी सर्किल से यात्रा को शुरू किया था और आज 11 दिसम्बर को कैप्टन चन्द्र चौधरी सर्किल पर पूर्ण किया है। आज बीकानेर पहुंचने पर भाजपा नेता सुरेन्द्र शेखावत,कांग्रेस नेता शिवलाल गोदारा,लॉयन एक्सप्रेस के संस्थापक,बीएमआर के फाउंडर ब्रजमोहन रामावत,एड बजरंग छींपा, सीताराम सियाग, अधिवक्ता ओमप्रकाश आचार्य, विजय दीक्षित, रामरख सियाग,हनुमान सिंह पडि़हार,सहीराम गोदारा,दिनेश आचार्य, राजाराम बाना,शिवलाल, रणवीर आचार्य, राम पारीक,गोपाल कस्वां,नरेन्द्र पुरी सहित महावीर उपाध्याय,नेमाराम गोदारा, बजरंग सियाग, जगना राम खिलेरी,वीरेंद्र पूनिया,हरलाल मामा, लेखराम खिलेरी, भागीरथ गोदारा सहित अनेक लोग मौजूद रहें।

यात्रा का विवरण
दोनों राइडर्स ने अपनी यात्रा की शुरुआत भारत के उत्तर से की, जहां उन्होंने खारदुंगला पास (17,982 फीट, विश्व का दूसरा सबसे ऊंचा पास), सियाचिन बेस कैंप , बारा-लाचा पास (16,040 फीट), और ज़ोजिला पास (11,649 फीट) जैसे कठिन रास्तों को पार किया। इसके बाद, उन्होंने नॉर्थ ईस्ट की ओर रुख किया, जहां उन्होंने सेला पास (13,700 फीट) और बुमला पास (15,200 फीट), जो चीन से सीमा साझा करता है, को साहसपूर्वक पार किया। उत्तर पूर्व के कड़क ठंड और कठिन ऑफ-रोडिंग के बावजूद, दोनों ने अद्भुत साहस दिखाया। इसके बाद वे सिलिगुड़ी (चिकन नेक) होते हुए कोलकाता के रास्ते दक्षिण भारत पहुँचीं। वहाँ उन्होंने भारत के प्रसिद्ध मंदिरों, जैसे लिंगराज, कोणार्क, रामेश्वरम (22 कुंड स्नान), और पुरी में दर्शन किए। दक्षिण के अंत बिंदु कन्याकुमारी से होते हुए, उन्होंने पश्चिम भारत में एमपी और गुजरात के रास्ते राजस्थान की ओर बढ़ते हुए यात्रा का समापन की।

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