-कांग्रेस पर घमंड-अतिआत्मविश्वास जैसे आरोप
-आप,शिवसेना उद्धव गुट,आएलपी,नेशनल कांफ्रेस ने दी नसीहत
राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। हरियाण में आए एग्जिट पोल के उलट आए नतीजों के बाद अब कांग्रेस के सहयोगी दल भी कांग्रेस पर जमकर हमलावर है। कांग्रेस के लिए सहयोगी और नसीहत और साथ छोडऩे तक की बातें शुरू हो चुकी है। कल हरियाणा में आए नतीजों के बाद सहयोगी दल लगातार कांग्रेस की तैयारियों और अंदरूनी कलह पर खुलकर हमला कर रहे हैं। हालांकि खुद राहुल गांधी ने भी नतीजों को हैरानी जताई है। कांग्रेस के सहयोगी आरएलपी,शिवसेना,नेशनल कांफ्रेस सहित अनेक दलों ने कांग्रेस की रणनीति पर सवाल उठाए है। वहीं केजरीवाल ने भी इशारों ही इशारों में कांग्रेस को नसीहत दी है।
आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने पोस्ट करते हुए लिखा था कि कांग्रेस का घमंड और अंदरूनी कलह कांग्रेस को ले डूबी। वहीं केजरीवाल ने कहा कि किसी भी पार्टी को नतीजों से पहले अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए क्योंकि कोई भी चुनाव हल्के में लेने की भूल करने का यह परिणाम तो होना ही था।
शिवसेना (उद्धव गुट) ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा कि कांग्रेस जीत को हार में बदलना जानती है। टीएमसी नेता साकेत गोखले ने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि अहंकार और क्षेत्रीय दलों को हीन दृष्टि से देखना हार का कारण बना।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अगर कांग्रेस महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लडऩा चाहती है तो पहले बता दे। राउत ने कहा कि भाजपा ने हारी हुई बाजी जीत ली। हर कोई मानता था कि कांग्रेस जीत रही है लेकिन वह फिर भी हार गई। भाजपा जीती क्योंकि उसके पास एक सिस्टमैटिक मैनेजमेंट है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस को हरियाणा में अपनी हार के कारणों का पता लगाने के लिए गहराई से सोचना होगा। मैंने पहले ही कहा था कि हम इन एग्जिट पोल्स पर भरोसा करके अपना समय बर्बाद कर रहे हैं। किसी ने नहीं सोचा होगा कि एग्जिट पोल इतने गलत होंगे। 30, 60 बन गए और 60, 30 बन गए। वहीं औवेसी ने भी हरियाणा के नतीजों को लेकर कांग्रेस का कटघरे में खड़ा किया और कहा कि ये जीत हार में तब्दील हो गयी। इस पर सोचने की जरूरत तो है ही साथ ही इसमें सुधार भी करना होगा।
Leave a Comment