राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। आधुनिक राजस्थानी कहानी के जनक मुरलीधर व्यास ‘राजस्थानी की 127वीं जयंती पर मुरलीधर व्यास ‘राजस्थानी’ स्मृति संस्थान द्वारा बीकानेर शहर की वर्षों पुरानी पाटों पर कवि सम्मेलनों की परंपरा को पुन: जीवित करने के उद्देश्य से ‘राजस्थानी रसधार’ राजस्थानी कवि सम्मेलन का आयोजन किकाणी व्यासों के चौक में मुरलीधर व्यास ‘राजस्थानी’ के पौत्र शिव कुमार व्यास ‘मनिया बाबा’ के सान्निध्य में किया गया। आमजन कविता और राजस्थानी भाषा से गहराई से जुड़ सके।
कार्यक्रम में वरिष्ठ गीतकार शंकर सिंह राजपुरोहित ने कर लो दुनिया मु_ी में ओ बेचनियां रो दावों है गीत से मोबाइल की आदत पर करारा व्यंग्य किया तो वहीं मुरलीधर व्यास राजस्थानी के व्यक्तित्व पर आधारित कविता पढ़ी।
वरिष्ठ कवयित्री मोनिका गौड़ ने चुप रहूं तो प्यारी लागूं मुंह खोलू तो खारी लागूँ,भरू हंकारो पुहुप पांखडी,साच्य कह्या चिंगारी लागूं कविता सुना श्रोताओं से तालियां बटोरी तो वहीं राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता की पीड़ा को उजागर करते हुवे कद मिलैला मानता कदी मिलेला मांन, पूत करोड़ री मावड़ी भटकै बिन ओळखाण। दोहे भी सुनाए।
तो वहीं वरिष्ठ कवि हरीश बी. शर्मा ने तपे तावड़ो भौम पर, जावणो जरूरी है, जीवा जीते भायड़ा सीवणो जरूरी है कविता सुना कर श्रोताओं से वाह वाह लूटी।
नाथूसर से पधारे युवा गीतकार छैलू चारण छैल ने अपनी ओजस्वी वाणी में महाराणा प्रताप के जीवन पर आधारित ” जेवंता रै जायोडे ने मायड़ भौम बुलावे है” सुना कर श्रोताओं में ऊर्जा का संचार कर दिया ।
युवा गीतकार विप्लव व्यास ने “हेत हरख री ठौड है निरभै रैवो निसंग।। अपणायत नै पौखता, करा नी फाटक बंद ।। गीत से बीकानेर की परंपरा खानपान और बीकानेर के अपणायत भरे स्वभाव का वर्णन किया। इसी के साथ विप्लव व्यास ने ‘रई पीड़ री पीड़’ गीत से नारी मन की संवेदनाओं को छू कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।
लूणकरणसर से पधारे साहित्य अकादमी के युवा पुरस्कर से सम्मानित देवी लाल महिया ने ” भासा रो अधिकार गमियो गण राज में जिब थका अणबोल फिरां मैं राज में” गीतसुनाकर वर्षों से अपने संवैधानिक सम्मान के लिए संघर्ष कर रही राजस्थानी के दर्द को अभिव्यक्त किया।
कवियों के साथ- साथ 11 श्रोताओं का भी सम्मान किया गया जिसमे शिक्षाविद् एसपी व्यास, शिक्षाविद् नारायण व्यास, राजेश रंगा, समाजसेवी राजेश चुरा, जनसंपर्क अधिकारी हरी शंकर आचार्य, मनमोहन व्यास, मिस मरवण महक दफ्तरी, कॉमेडियन केके रंगा, रंगकर्मी सुनीलम व्यास , एडवोकेट जगदीश शर्मा, समाजसेवी गोपाल व्यास शामिल रहे।
कवि सम्मलेन का संचालन हरीश बी. शर्मा ने किया तो वहीं आगंतुकों का आभार संस्था अध्यक्ष श्रीनाथ व्यास ने किया। कार्यक्रम में बीजेपी शहर के पूर्व जिला अध्यक्ष विजय कुमार आचार्य, वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा, राजेंद्र जोशी, डॉ. चन्द्रशेखर श्रीमाली, इरशाद अजीज़, राजाराम स्वर्णकार, अजय जोशी, गौरीशंकर प्रजापत, नमामिशंकर आचार्य, मधु आचार्य, सुधा आचार्य, सत्यनारायण व्यास,शशांक शेखर जोशी, रामकुमार व्यास, रविंद्र व्यास, अविनाश, कुलदीप, विवेक, जितेंद्र, शुभम, भुवनेश, तुषार आचार्य, मयंक व्यास, निखिल हर्ष, गोपाल पुरोहित, आनंद मस्ताना आदि साहित्य जगत और चौक के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहें।
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